भक्ति संध्या का आयोजन

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भक्ति संध्या का आयोजन

सिलीगुड़ी।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में तेयुप के आयोजन में सुप्रसिद्ध गायक देवीलाल पितलिया बैंगलुरु द्वारा भक्ति संध्या का आयोजन हुआ। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि आज भक्ति संध्या का आयोजन अपने आपमें बहुत सुंदर आकर्षक लगता है। संगीत प्रिय लगता है। भक्ति के गीत में ज्यादा आनंद आता है। भक्ति का प्रभाव मानव मन पर, चित्त पर होता है। भक्ति गीत से भावों में परिवर्तन उससे शरीर में वैसे रसायन पैदा होता है। भक्ति रस में व्यक्ति ईश्वर के प्रति भक्तिमान होता है। भक्ति से भगवान भक्त के वश में हो जाते हैं।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि गीत मनोरंजन का साधन नहीं है। संगीत साधना है, कला है, विद्या है। इसमें व्यक्ति मन एवं भावों को एकाग्र करता है, गीत में जान होती है। प्रभु के प्रति भक्ति में श्रद्धा की अभिव्यक्ति होती है। परमानंद पाना है तो भक्ति में डूब जाना चाहिए। सुमधुर गायक देवीलाल पितलिया ने कहा कि मुनि प्रशांत कुमार जी, मुनि कुमुद कुमार जी की प्रेरणा से सिलीगुड़ी में आना हुआ। आप सभी गीतों के साथ जुड़े, भगवान के साथ जुड़े, मैं आप सबको नमन करता हूँ।
बजरंग रामपुरिया के गीत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मुनि कुमुद कुमार जी ने जीवन की वास्तविकता गीत के माध्यम से प्रस्तुत की। सुमधुर गायक देवीलाल पितलिया ने नवकार महामंत्र, प्रभु पाश्र्वनाथ, महावीर स्वामी, आचार्य भिक्षु, आचार्यश्री तुलसी एवं आचार्यश्री महाश्रमण जी के प्रति गीतों से श्रोताओं को भक्ति रस में तन्मय बनाया। गाये दवीलाल पितलिया का तेयुप अध्यक्ष नरेश धाड़ेवा, प्रायोजक दीपक बोथरा, तोलाराम सेठिया ने मोमेंटो द्वारा सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री सचिन आंचलिया ने किया।