किया है जीवन का उद्धार

किया है जीवन का उद्धार

पावन पादाम्बुज में पावनप्रज्ञा पावन बन गई,
करुणा सागर की करुणा से असली कंचन बन गई।।

वंदन नंदनवन में विराजित नेमा माँ के नंदन को,
धन्य धन्य है संघ-शासना, कोटि नमन गुरु आसन को,
कर्णधार की अनुकम्पा से, अनमोल रतन जो बन गई।।

अक्षयप्रज्ञाजी ने माँ बनकर बेटी (बहन) की सेवा की,
प्रणव बन गई बेटी मानो माँ की तन मन से सेवा की,
तीजा मनरथ पूर्ण किया अब पावन सावन बन गई।।

जीवन नैया के खैवैया तारणहारे गुरु मिले,
निश्चिंत बनाते हम सबको हर दिल में श्रद्धा दीप जले,
गणमाली की कुशल शरण पा पावन मधुबन बन गई।।

इस नश्वर औदारिक तन रही वेदना अपरंपार,
फौलादी संकल्प आपका किया है जीवन का उद्धार,
नवमप्रमुखा वर्याजी सन्निधि में एवन बन गई,
लावण्यभरी गुरुवाणी सुन पावन मनभावन बन गई।।