इस धर्मसंघ का क्या कहना
अनशन की महिमा भारी है, सति पावनप्रज्ञा का क्या कहना?
गुरु महाश्रमण उपकारी है, सति पावनप्रज्ञा का क्या कहना?
जयवंता भैक्षव शासन, शीतधर सम मनभावन-2
गूंजै चिहूं दिशि महाश्रमण इस धर्मसंघ का क्या कहना।
काया की ममता छोड़ी है, अनशन की चादर ओढ़ी है-2
आत्मा से प्रीत जोड़ी है, सति पावनप्रज्ञा का क्या कहना।
संकल्प संजोए जो तुमने, तेरे सपने बन गए अपने-2
समता की शोभन मूरत हो, सति पावनप्रज्ञा का क्या कहना।
शुभभावों में (नित) रमण करो, शिवरमणी त्वरित वरण करो।
गुरु चरण शरण भवसिंधु तरो, सति पावन प्रज्ञा का क्या---।
गुरुवर ऊर्जा का संप्रेषण, महासतिवर से मिले संपोषण-2
(यह) धन्य बना मुंबई नंदनवन, सति पावनप्रज्ञा का क्या कहना।
संयमश्रीजी का फरमाना आराधक पद को वरना।
प्रेम सहज, प्रसिद्ध का है कहना, आराधक पद वरना बहिना।
अंतःकरण से क्षमायाचना करते हैं हम सरलमना-2
लय: दुनिया में देव---