मुस्कान बड़ी प्यारी
साध्वी पावनप्रज्ञाजी, देते शुभकामना।
तुम बड़ो वीर पथ पर हम, सबकी यह भावना।।
जीवन के तीन मनोरथ, को पूरा तुमने किया।
संथारा, दीक्षा महोत्सव, महाश्रमण की शासना।
बड़े भाग्य से ही मिलता है, सान्निध्य गुरुवर का।
पुण्याई प्रबल तुम्हारी, भवों भव की साधना।।
हो सरल सहज मनभावन, मुस्कान बड़ी प्यारी।
समता से सहन किया है, रोगों का सामना।।
अक्षय प्रणवप्रज्ञाजी, ने सेवा की भारी।
समता से बढ़ने आगे, शिव पथ आराधना।।
मधुबालाजी सह सतियाँ, तेरे संथारे पर।
सौ-सौ देते हैं बधाई, मंगल शुभ कामना।।
लय: प्रभु पाश्र्व देव चरणों में---