दीक्षार्थी धनराज बैद का मंगलभावना समारोह
शाहदरा, दिल्ली।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में दिल्ली सभा एवं शाहदरा सभा के तत्त्वावधान में दीक्षार्थी भाई धनराज बैद का मंगलभावना समारोह ‘वर्धापना वैराग्य की’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। विशाल जनमेदिनी ने अणुव्रत गौरव, शासनसेवी, दिल्ली के लाड़ले सपूत धनराज बैद को शुभकामनाओं का उपहार संप्रेषित किया।
साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर ने चार वस्तुओं को दुर्लभ बताया है, उनमें एक है-संयम में पराक्रम। संयम में पराक्रम करने वाले विरले ही व्यक्ति होते हैं। उन विरल व्यक्तियों में एक नाम है धनराज बैद का। सतहत्तर वर्षीय प्रतिमाधारी श्रावक धनराज बैद संयम-ग्रहण कर अपने नाम को सार्थक कर रहे हैं एवं संयम रूपी धन को प्राप्त कर जीवन को धन्य बना रहे हैं।
धनराज बैद अभ्युदय की अभिनव दिशा को उद्घाटित करने के लिए कटिबद्ध हैं। इनके हृदय में शक्ति, भक्ति, श्रद्धा व समर्पण का दरिया हिलोरे ले रहा है। इनके रोम-रोम में संघभक्ति व गुरुशक्ति का नाद अनुगूंजित हो रहा है। ये उम्र से जरूर सतहत्तर वर्ष के हैं पर उत्साह, स्फूर्ति जवानों से बढ़कर है। सी0ए0, सी0एस0 जैसी महत्त्वपूर्ण डिग्रियों के धारक धनराज बैद उम्र के इस पड़ाव में अपने आपको गुरु चरणों में सर्वात्मना समर्पित कर आनंद की अनुभूति कर रहे हैं। धनराज बैद ने अनेक केंद्रीय संस्थाओं, दिल्ली की संस्थाओं तथा जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय में काम करके संस्थाओं के गौरव को अभिवर्धित किया है। 22 नवंबर को पूज्यप्रवर के करकमलों से संयमश्री का वरण कर साधना के तेज से जीवन को तेजस्विता का वरण करें एवं गण के गौरव को बढ़ाएँ। शुभ भविष्य की मंगलकामना।
साध्वी कर्णिकाश्री जी ने कहा कि धनराज बैद संयम के कंटकाकीर्ण पथ पर बढ़ने के लिए वज्र संकल्पित है। अनुस्रोत से प्रतिस्रोत की ओर बढ़ने के लिए चरणों को गतिमान किया है। हम आपके संकल्प की बढ़ते कदमों का अभिनंदन कर रहे हैं। साध्वी डाॅ0 सुधाप्रभा जी ने कहा कि असंयम के कोलाहल में संयम का शंखनाद करने वाले भाई धनराज बैद संयम के ओलंपिक में भाग लेने जा रहे हैं। संयम के ओलंपिक में उत्साह व उमंग के साथ खेलना है। साध्वी समत्वयशा जी ने भिक्षु स्तुति, तेरापंथ स्तुति एवं मंगलभावना के गीत के द्वारा कार्यक्रम में समां बांधा।
दीक्षार्थी धनराज बैद ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें जिन शासन में तेरापंथ धर्मसंघ मिला है। भिक्षु संघ के मालिक आचार्य महाश्रमण जी सूर्य के समान तेजस्वी एवं प्रतापी शासक हैं। आचार्य तुलसी ने मेरे जीवन का निर्माण किया। आचार्य महाप्रज्ञ जी ने मुझे संघ की सभा-संस्थाओं में काम करने का अवसर प्रदान किया। मेरे परम उपकारी आचार्य महाश्रमण जी मुझे संयम-रत्न प्रदान कर मेरे चिर लक्ष्य को पूरा कर रहे हैं। तीन-तीन आचार्यों से मैंने कृपा प्राप्त की है। मैं श्रद्धानत होकर भावप्रणत हूँ। मेरे ऊपर साध्वी अणिमाश्री जी का भी उपकार रहा है। आपने भी मुझे जीवन निर्माण एवं साधना के महत्त्वपूर्ण सूत्र प्रदान किए। धनराज बैद ने अपने परिवार एवं दिल्ली समाज के श्रावक-श्राविकाओं के प्रति भी अहोभाव प्रकट करते हुए सभी की मंगलकामनाओं को तहेदिल से स्वीकार किया।
कार्यक्रम में अजातशत्रु मांगीलाल सेठिया, भगवान महावीर मेमोरियल के अध्यक्ष के0एल0 जैन पटावरी, दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, शाहदरा सभाध्यक्ष पन्नालाल बैद, गांधीनगर सभाध्यक्ष कमल गांधी, निगम पार्षक पंकज लूथरा, पूर्वी दिल्ली महिला मंडल अध्यक्ष सरोज सिपानी, गाजियाबाद सभा मंत्री रमेश बैंगानी, तेयुप अध्यक्ष पवन पारख, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मनोज बरमेचा, टीपीएफ से नवनीत दुगड़, कार्यक्रम के सह-संयोजक, ओसवाल समाज के अध्यक्ष आनंद बुच्चा आदि अनेक सदस्यों एवं गणमान्यजनों की उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया। शाहदरा सभा के मंत्री सुरेश सेठिया एवं दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष प्रदीप संचेती ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक बाबूलाल दुगड़ ने किया। सभी सभा-संस्थाओं की ओर से दीक्षार्थी भाई का सम्मान हर्ष व उल्लास के साथ किया।