जीवन धन्य बनाया
जीवन धन्य बनाया।
सति पावन ने श्री चरणों में अपना भाग्य सजाया।।
आना-जाना नियम नियति का कोई नहीं बच पाए।
यश भेरी से इस भूतल को विरला ही गुंजाए।
गुरु चरणों में गुरु इंगित आराधन प्राण बनाया।।
जीवन धन्य बनाया।।
समता, क्षमता, सहज स्वच्छता ताना-बाना तेरा।
जाप-ध्यान स्वाध्याय योग से होता सदा सवेरा।
पूर्ण मनोरथ करके सारे गण गौरव महकाया।।
जिनशासन भैक्षव गण पाया महाश्रमण का साया।
साध्वीप्रमुखा, साध्वीवर्या ने हर पल सहलाया।
पावन जीवन पुष्प खिला कर नव इतिहास रचाया।।
लय: संयममय जीवन----