श्रीमान श्रीमती एमबीबीएस कार्यशाला का आयोजन
गांधीनगर, बैंगलोर,
मुनि हिमांशु कुमार जी के सान्निध्य में अभातेयुप के व्यक्तित्व विकास कार्यशाला के अंतर्गत तेयुप, बैंगलुरु द्वारा ‘श्रीमान श्रीमती एमबीबीएस कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। मुनि हिमांशु कुमार जी के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र के मंगल मंत्रोच्चार से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। तेयुप अध्यक्ष रजत बैद ने स्वागत वक्तव्य दिया। मुनि हेमंत कुमार जी ने कहा कि परिवार में श्रीमान श्रीमती के साथ बच्चों की भी अहम् भूमिका होती है। परिवार में बड़े सदस्य छोटों के प्रति वात्सल्य भाव रखें और छोटे सदस्य बड़ों के प्रति विनय का भाव रखें, इससे परिवार सुखी और स्वस्थ रह सकता है।
मुनि हिमांशु कुमार जी ने कहा कि माता-पिता अपनी संतान को इतना योग्य बनाएँ कि वह समाज की अग्रिम पंक्ति में बैठने के लायक बन पाए और बच्चे ऐसा कार्य करके दिखलाएँ, जिससे लोग उनके पिता-पिता से पूछें की आपने क्या पुण्य किए जो ऐसी उत्तम संतान प्राप्ति हुई। मुनिश्री ने भाषा, भूषा, भोजन, भवन एवं भावना को संयमित और स्वस्थ रखने की प्रेरणा दी। आपने कहा कि माता-पिता जन्मदाता और जीवनदाता बनने के साथ जीवन निर्माता भी बनें। कार्यशाला में प्रश्नोत्तरी के विजेता लक्ष्य जैन, चिराग नाहर, जिया कोठारी, नीलम सुराणा, संजय धारीवाल को प्रायोजक परिवार से कांता लोढ़ा एवं तेयुप अध्यक्ष रजत बैद ने सम्मानित किया। कार्यशाला के प्रायोजक कांता प्रकाश लोढ़ा परिवार का परिषद की ओर से सम्मान किया गया। संचालन मंत्री रोहित कोठारी ने किया।