जैनम जयति शासनम् कार्यक्रम का आयोजन

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जैनम जयति शासनम् कार्यक्रम का आयोजन

नंदनवन।
आचार्यश्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल, मुंबई द्वारा समस्त जैन समाज को एक माला के मोतियों से उपमित करने के सुंदर प्रयास हेतु समग्र जैन संप्रदाय की एकरूपता का प्रतीक जैनम जयति शासनम् कार्यक्रम की आयोजना हुई। आचार्यश्री महाश्रमण जी ने जैन धर्म की व्याख्या करते हुए जैन धर्म के सभी संप्रदायों को अभिन्न बताया। आचार्यप्रवर ने कहा कि बाईस तीर्थंकरों के समय चातुर्याम व पहले ऋषभ प्रभु व अंतिम भगवान महावीर के समय पाँच महाव्रत की अवधारणा थी।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल, कोषाध्यक्ष तरुण बोहरा ने अपने भावों की अभिव्यकित देते हुए जैनम जयति शासनम् कार्यक्रम की जानकारी दी। महिला मंडल, चेम्बूर की बहनों द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति हुई। तेममं की अध्यक्षा विमला कोठारी ने सभी का स्वागत किया। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ कहा कि वर्तमान के संदर्भ में भगवान महावीर के सिद्धांतों का उल्लेख करते हैं तो लगता है आज के युग में उनकी जरूरत है। अपरिग्रह महाव्रत मुनि जीवन के साथ जुड़ा है। परिग्रह के प्रति मूर्छा हो वही वास्तविक परिग्रह है।
साध्वीवर्या सम्बुद्धयशा जी ने सभी बहनों को जैन धर्म की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के साथ भगवान महावीर के मूल सिद्धांतों के साथ बहनों को संयमित जीवन जीने के उपाय बताए। छोटे-छोटे व्रतों को जीवन में धारण कर हिंसा से बचा जा सकता है।
‘उड़ान ज्ञान गगन में’ की संयोजिका अलका मेहता ने नंदनवन में आयोजित शंृखलाबद्ध कार्यशालाओं की विस्तृत रिपोर्ट की जानकारी प्रेषित की व मुंबई महिला मंडल की कार्यसमिति बहनों के साथ ‘उड़ान ज्ञान गंगा में’ की रिपोर्ट की पुस्तक प्रतिलिपि साध्वीप्रमुखाश्रीजी को भेंट की। साथ ही मुंबई कन्या मंडल की संयोजिका काजल मादरेचा ने राइजिंग हाई-टच द स्काई के सत्रों की जानकारी दी। जैनम जयतु शासनम् कार्यक्रम के द्वितीय चरण में महिला मंडल, मुंबई द्वारा वर्ष 2023-25 की कार्यकारिणी की डायरेक्ट्री - परिचय प्रभा का विमोचन हुआ।
अभातेममं एवं मुंबई महिला मंडल के गणमान्यजनों द्वारा चारों संप्रदाय के पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। जैनम जयतु शासनम् कार्यक्रम के प्रायोजक कंकूदेवी इंदिरा एवं सीमा धाकड़ का मंडल की बहनों द्वारा स्वागत एवं सम्मान किया गया। डायरेक्ट्री के प्रायोजक सरला रणजीत लिंगा, अनिता नीलेश, चंडालिया, संगीता कोठारी, भाग्यवती सुरेश धींग, लक्ष्मीदेवी, वनिता मनोज सिंघवी, मनोहरदेवी गणपत डागलिया, कल्पना भेरूलाल परमार, अनिता मीना मेहता, देवीबाई मनीषा, वंदना, मुक्ता चपलोत का मंडल के गणमान्य सदस्यों द्वारा सम्मान किया गया। डायरेक्ट्री निर्माण में सुचिता कोठारी एवं भावना वागरेचा का विशेष श्रम एवं सहयोग रहा।
भगवान महवीर के सिद्धांतों पर विचारों के आदान-प्रदान हुए। मंत्री संगीता चपलोत ने संचालन किया। कार्यक्रम में लगभग 2000 से अधिक बहनों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में अभातेममं संरक्षिका प्रकाश देवी तातेड़, परामर्शक विमला नाहटा, कार्यसमिति सदस्य निर्मला चंडालिया सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कांदिवली, मीरा रोड, वसई, मलाड़, दहिसर क्षेत्रों का सहयोग रहा।