ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव का आयोजन

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ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव का आयोजन

साउथ कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तथा तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में दक्षिण कोलकाता ज्ञानशाला का वार्षिक उत्सव मनाया गया। जिसमें तेरापंथ महासभा के महामंत्री विनोद बैद, ज्ञानशाला के राष्ट्रीय संयोजक सौहनलाल चैपड़ा, ज्ञानशाला राष्ट्रीय अध्यापक डालमचंद नवलखा व तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विनोद चोरड़िया उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के संस्थापक आचार्यश्री भिक्षु थे। उन्हीं की परंपरा के नवम अधिशास्ता आचार्यश्री तुलसी हुए। जिन्होंने धर्मसंघ को ऊँचाई दी। आचार्य श्री तुलसी ने संघ को नए-नए आयाम दिए। उनमें एक महत्त्वपूर्ण आयाम है-ज्ञानशाला। ज्ञानशाला जीवन निर्माण की आधारशिला है। ज्ञानशाला उपहार व चारित्रशाला है। जीवन निर्माण में संस्कारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। सुसंस्कारों के जागरण से व्यक्ति का भाग्योदय होता है। बचपन बच्चों को संस्कारी बनाने का समय है। सद्संस्कारों से व्यक्तित्व का निर्माण होता है। एक दृष्टि से ज्ञानशाला व्यक्तित्व विकास की प्रयोगशाला है। इस अवसर पर तेरापंथ महासभा के महामंत्री विनोद बैद, ज्ञानशाला राष्ट्रीय संयोजक सोहनलाल चोपड़ा, ज्ञानशाला राष्ट्रीय अध्यापक डालमचंद नवलखा, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विनोद चोरड़िया, डाॅ0 पुखराज जैन, वीणा सामसुखा, राजुल जैन, निधि बरड़िया आदि ने विचारों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों के मंगल गीत से हुआ। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।