स्वागत समारोह का आयोजन
शालीमार बाग।
पीतमपुरा प्रवास संपन्न करके अवशिष्ट चातुर्मासिक प्रवास के लिए शासनश्री साध्वी रतनश्री जी शालीमार बाग गोयल भवन में पधारी। शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि यद्यपि आपको चातुर्मास का समय कुछ कम मिला है, पर आप कम समय में अधिक काम करके दिखाएँ। त्याग और तपस्या की जोत जलाएँ, ज्ञान-ध्यान की सरिता में डुबकी लगाएँ। प्रत्येक दिन और प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करें। भविष्य की चिंता व्यथा से मुक्त होकर वर्तमान को समुज्ज्वल बनाएँ। शासनश्री साध्वी सुव्रताजी ने कहा कि हम महाश्रमण कंपनी के एजेंट बनकर यहाँ पर आए हैं। दीपावली और दशहरा का सुअवसर आपको मिला है। दिल को विशाल बनाकर हमारा माल खरीदें कंजूसी न करें। आत्मिक संपदा से संपन्न बनें, हमने सुना है यहाँ पर बड़ी-बड़ी पार्टियाँ हैं तो हमारी बिक्री भी अच्छी होगी। साध्वी कार्तिकप्रभा जी, साध्वी चिंतनप्रभा जी ने महावीर अभिवंदना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला प्रशिक्षिका ने किया। शालीमार बाग तेरापंथ सभा अध्यक्ष सज्जन गिड़िया, तेरापंथ महासभा उपाध्यक्ष संजय खटेड़, अणुव्रत न्यास से शांति कुमार जैन, अमित गोयल तेरापंथ सभा शालीमार बाग, कोषाध्यक्ष, पश्चिम विहार अध्यक्ष सुशील जैन, पालम द्वारिका तेरापंथ सभा अध्यक्ष ईश्वर जैन, पीतमपुरा सभा प्रवीण जैन, ज्ञानशाला दिल्ली के आंचलिक संयोजक विनोद जैन, दिल्ली उपासक प्रभारी अशोक जैन, दिल्ली महिला मंडल निवर्तमान अध्यक्ष मंजु जैन, पश्चिम दिल्ली अध्यक्ष तेममं रीटा चोरड़िया उत्तर दिल्ली तेममं अध्यक्षा मधु आदि अनेक व्यक्तियों ने साध्वीश्री जी का स्वागत किया।
शालीमार बाग की बहनों ने गीत द्वारा साध्वीश्री का अभिनंदन किया। ज्ञानार्थी दिविज ने विचार व्यक्त किए। शालीमार बाग तेरांपथ सभा के मंत्री अनिरुद्ध जैन ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संयोजन पूनम उपासिका ने किया। शालीमार बाग की बहनों ने दस प्रत्याख्यान के 71 प्रत्याख्यानों का उपहार साध्वीश्री जी के चरणों में समर्पित किया। साध्वीश्री जी का मंगल प्रवेश विशाल जुलूस एवं जयघोषों के साथ हुआ।