दीक्षार्थी धनराज बैद के मंगलभावना समारोह के आयोजन
मालवीय नगर, जयपुर
शासनश्री साध्वी कनकश्री जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी धनराज बैद का मंगलभावना कार्यक्रम हुआ। साध्वी कनकश्री जी ने कहा कि धनराज बैद गुरुदेव श्री तुलसी व आचार्यश्री महाप्रज्ञजी की कल्पना के प्रतीक-आध्यात्मिक वैज्ञानिक व्यक्तित्व के उदाहरण हैं। इनकी निर्मलता, सहजता, विनम्रता और संघनिष्ठा प्रशंसनीय है। आधुनिक युग में इस प्रकार साधना करना इनकी गहरी अध्यात्म निष्ठा का परिचायक है। मैंने अपने चार वर्ष के दिल्ली प्रवास में इनकी साधना और जीवन-चर्या के प्रयोगों को निकटता से देखा, जो विशेष प्रेरक लगे। धनराज से धर्मराज बनने जा रहे दीक्षार्थी के प्रति हार्दिक मंगलकामना करते हुए साध्वीश्री जी ने कहाµ करुणानिधान गुरुदेव ने महती कृपा कर आपको आध्यात्मिक उन्नयन का महान अवसर प्रदान किया है। उसे शतगुणित फलित करें।
दीक्षार्थी धनराज बैद ने कहा कि उत्तराध्ययन सूत्र के स्वाध्याय से मुझमें वैराग्य के बीज अंकुरित हुए। वहाँ बताया गया है कि श्रावक जीवन में मासखमण भी कर लें तो भी वह चारित्र धर्म की 16वीं कला में भी नहीं आता। उन्होंने कहाµआत्मा में अनंत शक्ति है। गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से और उनकी कृपा से सब कुछ संभव हो सकता है। साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता के स्वरों में कहाµआपका मार्गदर्शन मेरी साधना में बहुत उपयोगी रहा, मैं जन्मों तक आपका ऋणी रहूँगा।
साध्वीश्री जी द्वारा नवरचित भावपूर्ण गीत का संगान साध्वी मधुलता जी आदि साध्वियों ने किया। समणी जयंतप्रज्ञा जी व समणी सन्मतिप्रज्ञा जी ने गीतिका द्वारा अपनी मंगलकामना व्यक्त की।
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के अध्यक्ष अविनाश नाहर, जय तुलसी फाउंडेशन के अध्यक्ष पन्नालाल बैद, तेरापंथी सभा अध्यक्ष हिम्मत डोसी, महिला मंडल, जयपुर शहर अध्यक्ष नीतू मेहता, तेयुप जयपुर अध्यक्ष अमित छल्लाणी, युवा गौरव राजेंद्र सेठिया आदि ने दीक्षार्थी की संयम अनुमोदना में अपने भाव व्यक्त किए। महिला मंडल की बहनों ने गीतिका द्वारा बधाई दी। मंच का संचालन सुरेश बरड़िया ने किया।