विकास के नए शिखरों को छूने के लिए जरूरी है संयम और अनुशासन
वापी।
अणुव्रत विश्व भारती के तत्त्वावधान में अणुव्रत समिति, वापी द्वारा अणुव्रत व्याख्यान माला का आयोजन तेरापंथ भवन, वापी में किया गया। जिसमें माॅडर्न इंग्लिश स्कूल के छात्र एवं अध्यापकगण उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में वापी के मामलतदार कल्पना बहन उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता अणुव्रत विश्व भारती के गुजरात प्रभारी अर्जुन मेड़तवाल ने ‘विद्यार्थियों का विकास: अणुव्रत का प्रकाश’ विषय पर कहा कि अणुव्रत आचार्य श्री तुलसी द्वारा प्रवर्तित विशिष्ट आंदोलन है। यह नैतिकता का आंदोलन है। जीवन में नैतिक मूल्यों का अतिरिक्त महत्त्व होता है। जीवन में विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना है तो संयम और अनुशासन अति आवश्यक है। आहार का संयम न हो तो शरीर अस्वस्थ हो जाता है। वाणी का संयम न हो तो पारिवारिक जीवन तार-तार हो जाता है। वाणी में मिठास घुलती है तो बिगड़ी हुई बात भी बन जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि अणुव्रत पर्यावरण सुरक्षा का बोध देता है। हम कोई ऐसा कार्य न करें जिससे हमारे आसपास का पर्यावरण दूषित हो। अणुव्रत नशामुक्ति का पैगाम देता है। वापी के मामलतदार कल्पना पटेल ने कहा कि अणुव्रत शब्द का अर्थ मुझे पता नहीं था, लेकिन आज यहाँ आने के बाद अणुव्रत क्या है यह मेरी समझ में आया है। अणुव्रत वास्तव में सुखमय जीवन का पैगाम है। अणुव्रत को अपनाना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है।
माॅडर्न इंग्लिश स्कूल, वापी के अध्यापक प्रदीप एवं राजकुमार उपाध्याय ने भी अणुव्रत अभियान का स्वगात एवं समर्थन करते हुए अपने विद्यालय में अणुव्रत के अधिकाधिक कार्यक्रम करने के लिए अणुव्रत समिति को हार्दिक अनुरोध किया। अणुव्रत समिति के निवर्तमान अध्यक्ष विमल झाबक ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन किया एवं छात्रों को अणुव्रत के संकल्प करवाए। तेरांपथी महासभा के राष्ट्रीय का0 सदस्य रमेश कोठारी, तेयुप अध्यक्ष मुकेश बागरेचा, महिला मंडल मंत्री दीपिका भंडारी आदि उपस्थित रहे। अणुव्रत समिति की मंत्री हेमा बोथरा एवं महिला मंडल अध्यक्षा एकता कच्छारा ने भावाभिव्यक्ति दी।
तेममं की बहनों ने अणुव्रत गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति, वापी की अध्यक्षा चंदा दुगड़ ने किया। कार्यक्रम की व्यवस्था में निर्मला शेखावत, अध्यापक ईमरानभाई एवं अणुव्रत कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।