मासखमण तप अभिनंदन समारोह
साउथ कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में मासखमण तपस्विनी जया गोयल का मासखमण तप अभिनंदन समारोह तेरापंथी सभा द्वारा तेरापंथ भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जीवन रूपी महल को मजबूत बनाने तथा अपने कार्य में पूर्ण सफलता प्राप्त करने के लिए मजबूत पिल्लर की आवश्यकता रहती है। वह पिल्लर हैµधर्म। धर्म अखंड दिव्य ज्योति है। धर्म जीने की कला है। जीवन का मूल्यवान पक्ष धर्म है। धर्म के बिना जीवन एकांगी बनता है। एकांगी जीवन सुखद नहीं होता। धर्म से बाह्य व आंतरिक शुद्धि होती है। धर्म से नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि तप का तेज निराला होता है। मन की ज्वाला तप से बुझ जाती है। जिसका तप के साथ तार जुड़ जाता है उसके पग-पग पर पुण्यनिधान है। तप से कर्मों का क्षय होता हैं तप विघ्न विनाशक, आत्म प्रकाशक, संघ प्रभावक है। जया गोयल ने छोटी उम्र में मासखमण कर साहस व हिम्मत का परिचय दिया है। परिवार वालों ने भी चातुर्मास में अच्छा लाभ उठाया।
इस अवसर पर बालमुनि कुणाल कुमार जी ने तप गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के संदेश का वाचन तेममं की अध्यक्षा पद्मा कोचर ने व अभिनंदन पत्र का वाचन महासभा के पूर्व मुख्य न्यासी भंवरलाल बैद ने किया। तप अनुमोदना में साउथ सभा के मंत्री कमल सेठिया, अभातेममं की संगठन मंत्री रमण पटावरी, उपासक सुरेंद्र सेठिया, अजय कुमार गोयल, बृजलाल जैन, सुमन गोयल, विक्टोरिया बैद, शशि नाहर, अर्चना चोरड़िया, सुप्रिया सामसुखा, कुसुम, नीति, वत्सल गोयल आदि ने अपने भाव गीत व वक्तव्य आदि के माध्यम से व्यक्त किए। तेममं, साउथ कोलकाता ने तप गीत प्रस्तुत किया। प्रेक्षा प्रशिक्षिकाओं ने प्रेक्षा गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। साउथ सभा द्वारा तपस्विनी जया गोयल का सम्मान किया गया।