द पावर आॅफ रीडिंग कार्यशाला का आयोजन
बीदासर।
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार महिला मंडल के तत्त्वावधान में ‘द पावन आॅफ रीडिंग’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि जीवन को समरस बनाना हो तो स्वाध्याय बहुत जरूरी है। जो अपनी संस्कृति को जानता है वही व्यक्ति अच्छे संस्कार को पाता है। संस्कृति की जानकारी सद्साहित्य से प्राप्त होती है। और अपने वातावरण को वह व्यक्ति ही शुद्ध रखता है जिस व्यक्ति के भीतर मैत्री और करुणा की भावना है। मैत्री और करुणा का बोध आगमों से प्राप्त होता है। आशावादी व्यक्ति जीवन को सरस बना लेता है। संवेदनशील व्यक्ति शांति का जीवन जीता है। सद्साहित्य व्यक्ति को संवेदनशील बनाता है। सद्साहित्य का पठन व्यक्ति को खट्टे अनुभवों को भूलना सिखाता है और मीठे अनुभवों को जीवन के बोध पाठ के रूप में अपनाना सिखाता है। सद्-साहित्य ज्ञान का विकास करता है। ज्ञान प्राप्त कर अपने आपको पाॅवरफुल बनाने का प्रयास करें। साध्वी लब्धियशा जी ने अनेक विद्वजनों के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि पढ़ना यानी रीडिंग करना जरूरी है। महिला मंडल ने संकल्प गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन खुशबू दुगड़ ने किया। महिला मंडल की अध्यक्षा मंजु बोथरा ने विचार व्यक्त किए।