त्रिदिवसीय अखंड जाप का आयोजन
कृष्णा नगर, दिल्ली।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी की प्रेरणा से भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण दिवस के अवसर पर उपवास, बेले-तेले की तपस्या के साथ त्रिदिवसीय अखंड जाप का क्रम उत्साह व सामायिक सहित लयंबद्ध चला। जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लेकर साधना का क्रम बनाया। धनतेरस के दिन मुनिश्री के मुखारविंद से मंगलपाठ श्रवण कर संस्कारकों से बही-खाता पूजन की विधि को समझकर लगभग 100 परिवारों ने तेरापंथ भवन में सामुहिक पूजन किया। जो प्रथम बार होने के साथ-साथ सभी को आकर्षक भी लगा। संस्कारक विमल गुनेचा, मनीष छल्लाणी, हेमराज राखेचा, महेंद्र श्यामसुखा, अशोक सिंघी एवं राकेश पुगलिया का योगदान रहा। तेयुप, दिल्ली के सहमंत्री शिवम छल्लाणी एवं क्षेत्रीय संयोजक मिलन बोथरा का श्रम रहा।
दीपावली के अवसर पर मुनिश्री के सान्निध्य में सामुहिक जाप, महावीर आरतियाँ, मंत्रों के उच्चारण पश्चात वृहद मंगलपाठ का कार्यक्रम रहा। काफी परिवारों ने प्रथम बार पटाखे, फूल, दीप, अगरबत्ती का भी प्रयोग नहीं किया। पूर्ण निरवद्य रूप से दीपावली पर्व मनाया। ‘क्या है भगवान महावीर की अमर देन’ विषय पर मुनि कमल कुमार जी ने कहा कि जैन धर्म निवृत्ति का मार्ग है पाँचों समितियाँ भी हमें। प्रवृत्ति करते हुए निवृत्ति की ओर प्रेरित करती हैं। जैसे देख-देखकर चलना अर्थात् बिना देखे नहीं चलना। भाषा समिति बोलना परंतु बिना सोचे नहीं बोलना। इस प्रकार पाँचों समितियों के विषय में वस्तिार से बताया। इस अवसर परम मुनि नमिकुमार जी और सभा के मंत्री हेमराज राखेचा ने भी अपने भावों को प्रस्तुत किया। बाबूलाल मालू ने 24 प्रहरी पौषध कर विशेष श्रद्धा भक्ति का परिचय दिया। कई लोगों ने चार प्रहरी पौषध किए।