ज्ञानशाला प्रदर्शनी का आयोजन

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ज्ञानशाला प्रदर्शनी का आयोजन

जोधपुर।
मेघराज तातेड़ भवन में साध्वी कुंदनप्रभा जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा ज्ञानशाला प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी ने मंगलाचरण से किया। स्वागत भाषण बी0आर0 जैन द्वारा किया गया। ज्ञानशाला के बच्चों ने अपनी प्रतिभा को निखारते हुए प्रदर्शनी के अंतर्गत नवकार महामंत्र, माता त्रिशला के 14 स्वप्न, नौ तत्त्व, लोक की रचना, जीव-अजीव के भेद, चार गति, 5 जाति, उज्ज्वल और मलिन आत्मा की संरचना, आठ कर्म और उनके फल, साधु के 5 महाव्रत, श्रावक के 12 व्रत, 12 भावनाएँ, लेश्या और उसके प्रकार को अपनी कला के माध्यम से प्रदर्शित किया। नन्हे बच्चों ने भगवान महावीर, आचार्य महाश्रमण जी आदि की सुंदर ड्राइंग से सबका मन मोहा। बच्चों के साथ-साथ साध्वीश्री जी ने भी हस्तनिर्मित कलाकृति का प्रदर्शन किया।
साध्वी कुंदनप्रभा जी एवं सहवर्ती साध्वीश्री जी ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि सरदारपुरा ज्ञानशाला बच्चों में विविध प्रयासों से आध्यात्मिक संस्कारों के बीजारोपण का सुंदर कार्य कर रही है। बच्चों ने सुंदर प्रस्तुति से जैन धर्म के तत्त्वज्ञान, जीव-अजीव, नौ तत्त्वों की व्याख्या की। भावी पीढ़ी में संस्कारों का जागरण इसी प्रकार होता रहे, यही मंगलकामना। तेयुप, सरदारपुरा सदस्य निरंजन तातेड़ ने बताया कि ज्ञानशाला में बच्चों में संस्कारों के विकास के साथ-साथ सर्वांगीण विकास भी होता है। समाज के वरिष्ठ जनों ने कला, तत्त्व ज्ञान, वक्तव्य शैली और प्रस्तुति कौशल को देखकर ज्ञानशाला की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष सुरेश जीरावला, मंत्री महावीर चोपड़ा, निर्णायक मर्यादा कुमार कोठारी, महिला मंडल अध्यक्ष दिलखुश तातेड़, मंत्री चेतना घोड़ावत, तेयुप अध्यक्ष कैलाश जैन, टीपीएफ अध्यक्ष नरेश जैन, माणकचंद तातेड़, ओमप्रकाश गोलेछा आदि गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। प्रदर्शनी के सफल संयोजन में अर्चना बुरड़, सविता तातेड़, संगीता तातेड़, मधु तातेड़, कल्पना छाजेड़, समता सालेचा, मंजु जैन, मीना वडेरा, कमला श्यामसुखा, कनिका जैन, मीनाक्षी छाजेड़, संगीता मेहता आदि प्रशिक्षिकाओं का योगदान रहा।