आचार्यश्री तुलसी का 110वें जन्म दिवस का आयोजन
कानपुर।
साध्वी संगीतश्री जी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी का 110वाँ जन्म दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी के महामंत्रोच्चार से हुआ। तत्पश्चात महिला मंडल ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। साध्वी संगीतश्री जी ने अपने दीक्षा प्रदाता गुरु आचार्य तुलसी के विषय में कहा कि वह वर्ण, जाति या संप्रदाय के रूढ़िवाद को तोड़कर मानवता को सर्वोपरि मानते थे। साध्वी मुदिताश्री जी ने कहा कि आचार्य तुलसी ने जैन धर्म को जन धर्म बनाया। साध्वी कमलविभा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी एक दूज के चाँद के समान हैं, जिसकी कलाएँ सदैव बढ़ती रही। साध्वी शांतिप्रभा जी ने कहा कि जिस प्रकार गुजरात को गांधी पर गर्व है उसी प्रकार चंदेरी की धरती को आचार्य तुलसी पर गर्व है। कार्यक्रम का समापन संघगान के द्वारा हुआ। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री संदीप जम्मड़ ने किया।
सभा अध्यक्ष धनराज सुराणा, मंत्री संदीप जम्मड़, महिला मंडल अध्यक्ष शालिनी बुच्चा, तेयुप मंत्री राहुल बुच्चा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष टीकमचंद सेठिया, कानपुर जैन समाज मंत्री त्रिभुवन जैन, माणक बरमेचा, नवीना बरमेचा, मंजुला रामपुरिया, पन्नालाल बैद, विजय सेठिया ने अपनी गीतिका और वक्तव्य के माध्यम से आचार्य तुलसी के जीवन की गौरव गाथा का वर्णन किया। तेरापंथ सभा की ओर से तेजकरण बुच्चा, आलोक पुगलिया और संदीप जम्मड़ ने एक मधुर गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा महिला मंडल की बहनें प्रभा मालू, प्रियंका भूतोड़िया, रितु जैन द्वारा एक लघु नाटक का आयोजन जिसमें उन्होंने चित्रों के माध्यम से आचार्य तुलसी द्वारा समाज को दिए गए अनेक अवदानों का वर्णन किया।