वृहद सास-बहू सम्मेलन
साहुकारपेट
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल के तत्त्वावधान में वृहद सास-बहू सम्मेलन का आयोजन तेरापंथ सभा भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री अणिमाश्री जी ने कहा कि सास-बहू का यह एक अहम रिश्ता है। इस रिश्ते को सलोना बनाना है तो हमें कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए ईंट-चुने से मकान बनता है, लेकिन वह घर तब बनता है जब कोई वहाँ रहता है, वही घर मंदिर तब बनता है जब रिश्तों में मिठास होती है और आपसी रिश्ते दिल से निभाते हैं। एक-दूसरे को सहन करना सीखें गुणवत्ता का प्रमोद भाव के साथ गुणगान करें। जब भी कोई अच्छी बात हो तो मोटिवेशन दें। इस तरह के सम्मेलन यदा-कदा आयोजित होते रहने चाहिए।
साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने कहा कि सास-बहू का रिश्ता घर का प्रमुख रिश्ता है, जिस रफ्तार के साथ हमारी जिंदगी चल रही है, रिश्ते निभाने रफ एंड टफ हो गए हैं। जो संस्कृति के साथ जीता है वह आनंद के साथ जीता है। बहू यह संकल्प करें मैं अपने स्वभाव को बदलूँ स्वयं बदले दूसरों को बदलने का प्रयास ना करें। सासू माँ आपको वात्सल्य देना चाहती है अगर नहीं भी मिले तो अपनी सोच अच्छी रखें। जीवन को आनंदमय एवं शानदार बनाने का प्रयास करें।
साध्वी सुधाप्रभा जी ने सास-बहू की जोड़ियों को प्रश्न पूछकर सभी का ज्ञानवर्धन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजकुमारी दुगड़ ने कहा कि सास-बहू में माँ-बेटी का प्यार होना चाहिए। माँ-बाप को दखल नहीं देना चाहिए। सास-बहू कार्यक्रम में मंगलाचरण रेखा बाफना ने किया। तत्पश्चात स्वागत स्वर अध्यक्ष पुष्पा हिरण द्वारा हुआ। साध्वी अणिमाश्री जी द्वारा रचित गीतिका का संगान रेखा पींचा एवं रिंकू ओस्तवाल ने किया।
सास-बहू के रिश्ते को दर्शाते हुए एक लघु नाटिका की प्रस्तुति महिला मंडल की बहनों द्वारा दी गई। इस नाटक का लेखन लता पारख ने किया। सास भी कभी बहू थी गीत पर महिला मंडल की बहनों ने प्रस्तुति दी। मुख्य वक्ता राजकुमारी दुगड़, कार्यक्रम संयोजिका लता पारख एवं लता नाहर का सम्मान महिला मंडल द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन मंत्री रीमा सिंघवी ने किया। कार्यक्रम में सराहनीय उपस्थिति रही। पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता बहनों का विशेष सहयोग रहा। सास-बहू की जोड़ियों के लिए मनोरंजन गेम भी रखा गया। सास-बहू की जोड़ियों में से दो जोड़ियों को बेस्ट जोड़ी अवार्ड दिया गया।