अणुव्रत कार्यशाला का आयोजन

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अणुव्रत कार्यशाला का आयोजन

साउथ कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में अणुव्रत समिति, कोलकाता के तत्त्वावधान में गृहस्थ जीवन की खुशहाली में अणुव्रत की भूमिका विषयक अणुव्रत कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जीवन परम मूल्यवान है। ऐसे तो दुनिया में हर चीज का मूल्य होता है किंतु जीवन का मूल्य सर्वोपरि है। नौ घाटियाँ पार होने के बाद मनुष्य जीवन मिला है। जीवन जीना एक बात है। लेकिन खुशहाली के साथ जीवन जीना दूसरी बात है। जीवन को खुशहाल बनाने के लिए संयम को अपनाना चाहिए। संयम मनुष्य जीवन की श्रेष्ठता का आधार है। अणुव्रत के नियमों को आत्मसात करने से जीवन में खुशहाली आ जाती है। मुनिश्री ने आगे कहा कि अणुव्रत का एक नियम है निरपराध प्राणी की हिंसा नहीं करूँगा। हिंसा कुमार्ग है। हिंसा से अपराध बढ़ता है। व्यक्ति को अनर्थ हिंसा से बचना चाहिए। मुनि परमानंद जी ने कहा कि गृहस्थ जीवन की खुशहाली में अणुव्रत की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। मुनि कुणाल कुमार जी ने अणुव्रत गीत का संगान किया।