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भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक दिवस
चेन्नई।
साध्वी लावण्यश्री जी के सान्निध्य में विशाल जनसमूह की उपस्थिति में वृहद मंगलपाठ का आयोजन साहुकारपेट, तेरापंथ भवन में हुआ। साध्वीश्रीजी ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी अहिंसा व शांति के अवतार थे। भगवान ने अहिंसा, अनेकांत आदि के माध्यम से जीने की कला का संदेश दिया था। साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि सत्य के मार्ग में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं, लेकिन हमें अपने आराध्य की आराधना करते हुए उस सत्य रूपी राजपथ को नहीं छोड़ना चाहिए। भगवान महावीर के निर्वाण के गणधर गौतम संतप्त हुए तब तक वीतरागता नहीं मिली, चैतन्य जागा, मोह टूटा वीतरागता ने स्वयं वरण कर लिया। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने भगवान के निर्वाण दिवस पर उपवास एवं तेले की तपस्या की एवं एक वर्ष के लिए त्याग-प्रत्याख्यान किए। वृहद मंगलपाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।