निर्वाणवाद के प्रवक्ता थे भगवान महावीर
गुलाबबाग पूर्णिया, बिहार।
मुनि रमेश कुमार जी के सान्निध्य में भगवान महावीर निर्वाणोत्सव एवं दीपावली पर्व पर त्रिदिवसीय मंत्र शक्ति अनुष्ठान का आयोजन तेरापंथी सभा द्वारा तेरापंथ भवन में आयोजित किया गया। इस अनुष्ठान में जैन धर्म के प्राचीन एवं चमत्कारी मंत्रों का सामूहिक जप कराया गया। गुलाबबाग में ऐसा अनूठे अनुष्ठान प्रथम बार आयोजित हुआ, जिसमें समाज के सैकड़ों भाई-बहनों ने भाग लिया।
भमवान महावीर निर्वाणोत्सव का महत्त्व समझाते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा कि दीपमालिका का दिन भगवान महावीर के निर्वाण का दिन है। भगवान महावीर निर्वाणवादी थे। निर्वाणवाद के प्रवक्ता थे। भगवान महावीर ने निर्वाण को सम्यक् भाषा प्रदान की। निर्वाण का मतलब है आत्मा से परमात्मा बनना। निर्वाण का अपना स्वतंत्र अस्तित्व है। व्यक्ति अपने उस स्वतंत्र अस्तित्व में अनंत ज्ञान, अनंत दर्शन, अनंत शक्ति और अनंत आनंद का अनुभव करता है। परमात्मा होने का अर्थ है स्वतंत्र सत्ता का होना। स्वयं ईश्वर बन जाना। निर्वाण का ऐसा सिद्धांत किसी भी निर्वाणवादी दार्शनिक ने नहीं दिया। इसलिए निर्वाणवादियों में सर्वश्रेष्ठ ज्ञातपुत्र भगवान महावीर है।
इस अनुष्ठान को सफल बनाने में मुनि रत्न कुमार जी का विशेष परिश्रम रहा। तेममं ने मंगलाचरण किया। प्रियंका सोनावत ने महावीरत्थुई का मधुर संगान किया। तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष नेमचंद बैद और स्थानीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुशील संचेती ने समाज की सभी संस्थाओं की ओर से भगवान महावीर निर्वाणोत्सव एवं दीपावली पर्व पर शुभकामनाएँ दी। इस अनुष्ठान को सफल बनाने में तेममं, तेयुप की सहभागिता रही।