आचार्यश्री तुलसी के 110वें जन्मोत्सव के आयोजन

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आचार्यश्री तुलसी के 110वें जन्मोत्सव के आयोजन

गुलाबबाग पूर्णिया
तेरापंथी सभा, गुलाबबाग के तत्त्वावधान में मुनि रमेश कुमारजी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी का 110वाँ जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में तेरापंथ भवन, स्थित प्रज्ञा सभागर में आयोजित हुआ। आचार्यश्री तुलसी के विशाल व्यक्तित्व, कर्तृत्व और अवदानों की चर्चा करते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा कि संसार में सुधारस की वर्षा करने वाले अनेक संत व महापुरुष हुए हैं। उनकी साधना ने सारे विश्व को ज्ञानरूपी आलोक से आलोकित किया है। अनेकानेक संत पुरुषों ने अपनी आत्मसाधना के बल पर, समता के जीवन मूल्य प्रस्तुत कर संपूर्ण मानव समाज को एक सूत्र में बांधा है। ऐसे ही महान संतों में एक नाम है मानवता के मसीहा आचार्य तुलसी।
आपने आगे कहा कि नैतिकता के पुजारी, मानव जाति के अग्रदूत, भारतीय संस्कृति के संरक्षक, तेजोमय पारदर्शी व्यक्तित्व के धनी, मानवता के पक्षधर, भारतीय दर्शन के व्याख्याता, नैतिक पुनरुत्थान के संदेशवाहक, मानवता के पौषक, निर्मल आत्मा आचार्य तुलसी अनेक विशेषताओं के धनी थे। मुनि रत्न कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी विराट व्यक्तित्व के धनी थे। अणुव्रत आंदोलन के सूत्रपात से उन्होंने धर्म, जाति, संप्रदाय से ऊपर उठकर नैतिकता, सद्भावना, सौहार्द और समन्वय की दिशा में अनूठा कार्य किया। इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार जी ने महामंत्रोच्चार से समारोह का आगाज किया। तेममं ने तीर्थंकर स्तुति से मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुशील संचेती ने समाज की ओर से सभी का स्वागत किया। तेममं, सुरेंद्र बैद ने गीत प्रस्तुत किया। आचार्य तुलसी के कुछ अवदानों की रोचक प्रस्तुति तेममं एवं तेरापंथ कन्या मंडल ने प्रस्तुत की।
समारोह में तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष नेमचंद बैद, नेपाल-बिहार तेरापंथ सभा के अध्यक्ष भैरूदान भुरा, तेयुप के अध्यक्ष मोहित संचेती, तेममं की अध्यक्षा शांता संचेती सहित आसपास के क्षेत्रों की अच्छी उपस्थिति रही। तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष मनोज पुगलिया ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन किरण पुगलिया ने किया।