ज्ञानशालाओं के वार्षिक उत्सव का हुआ आयोजन

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ज्ञानशालाओं के वार्षिक उत्सव का हुआ आयोजन

मालवीय नगर, जयपुर।
शासन गौरव बहुश्रुत साध्वी कनकश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, जयपुर के तत्त्वावधान में जयपुर ज्ञानशालाओं का वार्षिकोत्सव मनाया गया। साध्वीश्री द्वारा समुच्चारित नवकार मंत्र के बाद ज्ञानार्थी प्रतीक लोढ़ा ने मंगल संगान किया। जयपुर की चारों ज्ञानशालाओंµअणुविभा, श्याम नगर, विद्याधर नगर व मिलाप भवन ने उत्साह के साथ अपनी सहभागिता दर्ज की। शासन गौरव साध्वीश्री जी ने ज्ञानशाला जैसे प्रत्येक प्रकल्प के पुरस्कर्ता आचार्य श्री तुलसी को नमन करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए ज्ञानशाला का उपक्रम बहुत जरूरी है। नई पौध के सम्यक् सिंचन से समाज उन्नत बन सकता है। ज्ञानार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि मीठा व सार्थक बोलें तथा ज्ञानवान बनने के साथ विवेकसंपन्न बनने का संकल्प करें।
ज्ञान वाटिका की प्रशिक्षिकाओं व संरक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानार्थियों को आधुनिक, वैज्ञानिक आधार पर प्रशिक्षण देना चाहिए तथा साथ ही जीवन जीने की कला भी सिखाएँ। पुरानी गीतिकाएँ कंठस्थ व तत्त्वज्ञान अच्छा हो तो छोटे-छोटे बच्चे बहुत आगे बढ़ सकते हैं। आपने आगे कहा कि ज्ञानशाला का दिनोंदिन अभ्युदय होता रहे तथा आचार्यश्री महाश्रमण जी की परिकल्पना साकार रूप बन पाए। सभा अध्यक्ष हिम्मत डोसी ने स्वागत वक्तव्य दिया। ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका सरिता बरड़िया ने ज्ञानशाला की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। सभी प्रशिक्षिकाओं ने सामूहिक गीतिका द्वारा प्रस्तुति दी। अनेक अभिभावकों ने ज्ञानशाला जाने से अपने बच्चों में आए सकारात्मक परिवर्तनों को बताते हुए अन्य अभिभावकों को भी अपने बच्चों को ज्ञानशाला भेजने की प्रेरणा दी। पूर्व ज्ञानार्थी तृप्ति जूनीवाल ने ज्ञानशाला के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपने जीवन में आए सद्सुस्कारों व अनुभव को साझा किया।
चारों ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने 25 बोल पर आकर्षित प्रोजेक्ट बनाए तथा लघु नाटिका द्वारा प्रस्तुतियाँ दी। अणुविभा ज्ञानशाला ने 6 लेश्या नाटक द्वारा भावों को निर्मल रखने की सीख दी। मिलाप भवन ज्ञानशाला ने नव तत्त्वों को नाटक द्वारा नवीन शैली में समझाया। विद्याधर नगर ज्ञानशाला ने चार गति को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया तथा श्यामनगर ज्ञानशाला ने मिथ्यात्व के 10 प्रकार नाटक द्वारा सम्यक्त्व को दृढ़ रखने की प्रेरणा दी। ज्ञानार्थी हर्षिता दुगड़ ने मारवाड़ी भाषा में रोचक वक्तव्य दिया। श्यामनगर ज्ञानशाला के नन्हे-मुन्ने ज्ञानार्थी फैंसी ड्रेस में नयनाभिराम लगा रहे थे।
ज्ञानार्थी नेहल धारीवाल, इशित बोथरा, निहिका जैन, सिया बरड़िया, हमिशा श्यामसुखा, अक्षत शाह, तन्वी संचेती, प्रतीक लोढ़ा, व गौरव बरड़िया आदि ने गीतिका द्वारा प्रस्तुति दी। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष व मंत्री द्वारा प्रशिक्षिकाओं का मोमेंटो व सार्टिफिकेट देकर सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री सुरेंद्र सेखानी ने किया। अणुविभा ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं राजरानी जैन तथा प्रीति बरड़िया ने मंच का संचालन किया।