मासखमण तप अभिनंदन
गदग
तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी पद्मावती जी के सान्निध्य में ममता गौतम पालरेचा की मासखमण तपस्या का अभिनंदन समारोह मनाया गया। शासनश्री साध्वी पद्मावती जी ने अपने उद्गार व्यक्त किए। ममता ने दूसरा मासखमण कर अपनी वीरता का परिचय दिया है। विमलाबाई और रूपचंद को अपनी पुत्रवधू की बहुत खुशी है।
डॉ0 साध्वी गवेषण जी ने कहा कि तप से मन का मैल दूर होता है। जीवन उज्ज्वल एवं पवित्र बनता है। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि मनुस्मृति का वाक्य है, जो चीज दुस्तर है, दुष्प्राप्य है कठिनता से मिलने वाली है वह वस्तु भी तपस्या से प्राप्त हो जाती है। तपस्या से कर्मों का निर्जरण होता है। साध्वी मेरुप्रभा जी ने उद्गार व्यक्त किए। सुमधुर गीतिका का संगान किया। साध्वी दक्षप्रभा जी के स्वरों के मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
कर्नाटक राज्य अंगूर निगम के अध्यक्ष कांतिलाल भसाली, सभा के अध्यक्ष अमृतलाल कोठारी, तेयुप
के अध्यक्ष दिनेश सकलेचा, महिला मंडल अध्यक्ष प्रेमलता बाई कोठारी, तेयुप के मंत्री कमलेश जीरावला, यूकेटीएस के सहमंत्री राजेंद्र कोचर, पूर्व अध्यक्ष
सुरेश कोठारी, स्थानकवासी सभा के अध्यक्ष रूपचंद पालरेचा ने तपस्वी बहन की अनुमोदना में विचार व्यक्त किए। साध्वीप्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन जितेंद्र संकलेचा, अभिनंदन पत्र का वाचन दीपचंद भंसाली, साध्वी शिवमाला जी के संदेश का वाचन जितेंद्र जीरावला, उत्तर कर्नाटक के अध्यक्ष जयंतीलाल के संदेश का वाचन प्यारेलाल बोहरा ने किया। कई गणमान्यजनों ने तपस्या की अनुमोदना में अपने उद्गार व्यक्त किए।
तपस्या का अभिनंदन तपस्या के द्वारा खुशी एवं पिंकी पालरेचा ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 साध्वी गवेषणा ने किया।