धर्म में रमणीय बने रहें
विजयनगर।
मुनि दीप कुमार जी ने सफल चातुर्मास की संपन्नता के बाद मंगल विहार किया। उससे पूर्व तेरापंथ भवन में मुनि दीप कुमार जी ने प्रदेशी राजा का प्रवचन करते हुए कहा कि जो सुना जाता है, उसका सार है उसको ग्रहण कर जीवन को बदलना। चातुर्मास संपन्न हो गया है, अब प्रस्थान करना है। कथा की मूल बात कहते हुए मुनिश्री ने कहा कि केशी कुमार श्रमण राजा प्रदेशी से आश्वस्त हो गए, वैसे ही हम भी यह प्रश्न कर रहे हैं कि हमारे प्रस्थान के बाद भी क्या धर्म की क्यारियाँ भवन में, घरों पर इसी तरह हरी-भरी लहलहाती रहेंगी? इस अवसर पर यही प्रेरणा है, सभी सदा धर्म में रमणीय बने रहें, नित्य धर्म की आराधना करते रहें।
मुनिश्री ने तेरापंथ भवन से विहार किया। अच्छी संख्या में भाई-बहन जुलूस के रूप में चले। मुनिश्री ने कहा कि विहारचर्या प्रशस्त और कल्याणकारी है। साधु तो रमता भला। गुरु आज्ञा से विहार किया है। आज मुनि काव्य कुमार जी का दीक्षा दिवस है, इनके ज्ञातिजनों के यहाँ आए हैं। मुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि गुरु कृपा से मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में चातुर्मास किया। आज ज्ञातिजनों के यहाँ दीक्षा दिवस पर आना हो गया। गुरु इंगित और मुनिश्री के अनुसार निरंतर आध्यात्मिक रूप से बढ़ता रहूँ।
बाबेल परिवार ने सबका स्वागत किया। स्वागत कार्यक्रम में पारिवारिकजनों से अक्षरा, सुनीता, अनीश ने विचार व्यक्त किए। सभा अध्यक्ष प्रकाश गांधी, तेयुप विजयनगर अध्यक्ष राकेश पोखरणा, महिला मंडल अध्यक्षा मंजु गादिया, विकास बांठिया, अरविंद मांडोत, अमित दक, ममता बैद आदि ने विचार व्यक्त किए।