आध्यात्मिक मिलन समारोह का आयोजन
शालीमार बाग।
शासनश्री साध्वी रतनश्री जी शालीमार बाग, गोयल भवन में विराजित थीं। शाहदरा चातुर्मास परिसंपन्न कर साध्वी अणिमाश्रीजी रत्नाधिक साध्वी दर्शनार्थ शालीमार बाग में पधारी। आपका स्वागत करते हुए शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि आज मुझे इस गोयल भवन के प्रवचन हाल में चारों तरफ खुशियाँ बरसती हुई दिखाई दे रही हैं। 10 साध्वियों के चेहरों पर खुशियाँ टपक रही है। श्रावक-श्राविकाओं की आकृतियों पर उल्लास की रेखाएँ दीख रही हैं। इसका रहस्य क्या है। हम सब एक संघ गगन के चमकते हुए सितारे हैं। संघ की सुषमा को दिगदिगंत में फैलाने के लिए लक्ष्यबद्ध हैं। यदा-कदा हमारा सम्मिलन होता है तो स्वर्गीय आनंद की अनुभूति होती है। एक-दूसरे को देखकर प्रसन्नता से झूम उठते हैं।
शासनश्री साध्वी सुव्रतांजी ने कहा कि साध्वी अणिमाश्री जी हमारे संघ की एक प्रबुद्ध साध्वी हैं। आपने अनेकानेक प्रांतों की यात्रा करके जैन धर्म और तेरापंथ की यशोकीर्ति फैलाने का सफलतम प्रयास किया है। मैं इनका भावपूर्ण शब्दावली के द्वारा सुस्वागत एवं अभिनंदन करती हूँ और इनके निरामयता की कामना करती हूँ। शासनश्री साध्वी सुमनप्रभा जी, साध्वी कार्तिकप्रभा जी एवं साध्वी चिंतनप्रभा जी ने गीत द्वारा साध्वी परिवार का सुस्वागत किया। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि वयोवृद्ध साध्वी रतनश्री जी हमारे संघ की मूल्यवान धरोहर हैं। इनके पास अनुभवों की अतुल संपदा है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र की प्रलंब संपदा है। मैं यहाँ पर आपका आशीर्वाद लेने के लिए आई हूँ। साध्वीवृंद ने गीत के द्वारा अभिव्यक्ति दी।
तेरापंथी महासभा के उपाध्यक्ष संजय खटेड़, शालीमार बाग तेरापंथ सभा की अध्यक्षा सज्जन देवी गिड़िया, उत्तर-मध्य दिल्ली, महिला मंडल की अध्यक्षा मधु जैन, महिला मंडल, शालीमार बाग की महिलाओं ने गीतिका एवं वक्तव्य के द्वारा आगंतुक साध्वी परिवार की अभिवंदना की। कार्यक्रम का संयोजन सभा के मंत्री अनिरुद्ध जैन ने किया।