नव वर्ष पर मंगल पाठ के विविध आयोजन

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नव वर्ष पर मंगल पाठ के विविध आयोजन

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‘नए वर्ष की नई शुरुआत’ कार्यक्रम के अंतर्गत शासनश्री मुनि विजय कुमार जी ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने कहा कि ईस्वी सन् 2023 विदा ले रहा है और सन् 2024 प्रारंभ हो रहा है। समय आता है और चला जाता है। इस आने-जाने के पीछे वह अपने पदचाप भी छोड़ जाता है। कुछ खट्टी यादें हर व्यक्ति के दिलो-दिमाग में अंकित रहती हैं। कुछ यादें तो ऐसी होती है जो जिंदगी भर भी पीछा नहीं छोड़ती। आज नए वर्ष के प्रारंभ में व्यक्ति को अपने बीते वर्ष का सिंहावलोकन करना चाहिए कि मैंने गतवर्ष में क्या खोया और क्या पाया? व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ दोनों ही घटित होते हैं। व्यवहार जगत में भी अच्छा और बुरा दोनों का गठजोड़ चलता है। नए वर्ष का प्रारंभ व्यक्ति नए संकल्प के साथ करे।
हर व्यक्ति शुभ संकल्पों के साथ नए वर्ष में प्रवेश करे। सबको मंगल भावनाओं का उपहार दे। सबके कल्याण और उत्थान की भावना से स्वयं को भावित करे। किसी को चित्त समाधि पहुँचा सके तो अच्छी बात है, किसी की असमाधि में हेतुभूत नहीं बने। हर कोई इन्हीं मंगल भावों के फूलों की सुवास से वातावरण को सुवासित करे। नए वर्ष के संदर्भ में मुनिश्री ने एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के तेरापंथ सभा प्रवक्ता प्रदीप सुराणा, नरपत मालू, सरोज भंसाली ने सबके प्रति अपनी मंगलभावना प्रस्तुत की। तेरापंथ सभा के मंत्री चमन दुधोड़िया ने कार्यक्रम का संयोजन किया। अंत में शासनश्री ने वृहद् मंगलपाठ सुनकर सभी के प्रति मंगलभावना व्यक्त करते हुए स्वस्थ और व्यसनमुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी।