चरित्र निर्माण के लिए प्रेक्षाध्यान का प्रशिक्षण अत्यावश्यक

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चरित्र निर्माण के लिए प्रेक्षाध्यान का प्रशिक्षण अत्यावश्यक

प्रेक्षाध्यान व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन

नई दिल्ली।
अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास द्वारा आयोजित ‘प्रेक्षाध्यान शिविर’ में दिल्ली पैरामेडिकल मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट के 250 से अधिक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि शिक्षा ही जीवन की अधिष्ठात्री है। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान का नहीं, श्रेष्ठ संस्कारों के जागरण का माध्यम है। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए प्रेक्षाध्यान एक अवदान है। इसके प्रयोगों से अच्छे चरित्र संपन्न व्यक्तित्व के विकास की कमी दूर हो सकती है। चरित्र निर्माण के लिए ध्यान व योग नितांत आवश्यक है। आज की जीवनशैली पर भौतिकता हावी होती जा रही है। जिसके कारण व्यक्ति भटकाव का जीवन जी रहा है। व्यक्तित्व निर्माण के लिए सही लक्ष्य का चुनाव और उसके तदनुरूप कार्य होना आवश्यक है। साध्वीश्री जी ने कहा कि जो संस्कारवान होता है, वह अपने जीवन में हर कदम पर सफलता को प्राप्त करता है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में कुशल डॉक्टर, वकील, इंजीनियर बन रहे हैं, किंतु अच्छे आदमी का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
स्कूलों में भी ध्यान के समावेश होने से बच्चों में अनुशासन, कर्तव्य-निष्ठा, एकाग्रता, स्मृति विकास, देशभक्ति, सहनशीलता, मानसिक धैर्य सहित सभी मानवीय गुणों का विकास हो सकेगा। प्रत्येक विद्यार्थी जीवन में नशे से मुक्त रहे यह सदा प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने सभी विद्यार्थियों को नशामुक्त रहने का संकल्प दिलाया।
अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास के प्रबंध न्यासी के0सी0 जैन ने कहा कि प्रेक्षाध्यान विधायक भावों का निर्माता है, इनके प्रयोग से व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन और बुरी आदतों का परिष्कार होता है। उन्होंने स्वस्थ, संतुलित एवं सर्वांगीण व्यक्तित्व के विकास के लिए ध्यान को जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बताते हुए कहा कि इसे सभी शिक्षा केंद्रों में लागू होना चाहिए। विद्यालयी ज्ञान के साथ-साथ सद्संस्कार की ओर ध्यान देना होगा, तभी जीवन में जीवंतता बनी रह सकती है। कार्यक्रम के संयोजक अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास के वरिष्ठ प्रशिक्षक रमेश कांडपाल ने विद्यार्थियों को जीवन में संस्कारों के साथ-साथ अहिंसा एवं जीवन विज्ञान योग का प्रशिक्षण दिया।
साध्वी कर्णिकाश्री जी ने मंगल गीतिका के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ किया एवं अपने उद्बोधन से विद्यार्थियों को प्रेरित किया। बाल भवन स्कूल के विद्यार्थियों ने अणुव्रत गीत का संगान किया। इस अवसर पर अणुव्रत न्यास के न्यासी सुशील राखेचा, साधना केंद्र के प्रभारी न्यासी सुशील बोथरा, दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत, दिल्ली प्रदेश अणुव्रत समिति के पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल पटावरी, मंत्री राजेश बैंगाणी, अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा एवं महामंत्री अमित नाहटा, दिल्ली तेयुप के अध्यक्ष विकास चोरड़िया, पैरामेडिकल कॉलेज की डॉ0 प्रत्यूषा व गीता जांगडा सहित कई महानुभाव उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का संचालन रमेश कांडपाल ने किया। शांति कुमार जैन ने सभी का धन्यवाद करते हुए दिल्ली पैरामेडिकल के अध्यक्ष विनोद बछेती, मैनेजिंग डायरेक्टर पूनम बछेती का व बाल भवन पब्लिक स्कूल का भी आभार व्यक्त किया।