माँ का दिशाबोध-बेटी की उड़ान कार्यशला का आयोजन
गंगाशहर।
माँ का वात्सल्य और संस्कार ही बेटी की उड़ान का कारण होते हैं। यह विचार शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी ने ‘माँ का दिशाबोध-बेटी की उड़ान’ कार्यशाला में व्यक्त किए। साध्वी ललितकला जी ने कहा कि जब भी बच्चे किसी भी मुसीबत में या दर्द में होते हैं, उनके मुँह से एक ही नाम निकलता है और वह हैµमाँ। कार्यशाला में माँ-बेटी ने गीत, कविता, लघु नाटिका, संवाद के माध्यम से रोचक प्रस्तुति दी। साथ ही मिलेट्स प्रतियोगिता में बहनों ने लजीज पकवान बनाकर सुंदर ढंग से सजाया। प्रतियोगिता का संचालन श्रीया गुलगुलिया व रेणु बाफना ने किया। माँ-बेटी प्रतियोगिता की जज नयनतारा छल्लानी व शारदा डागा थी। मिलेट्स मैजिक प्रतियोगिता की जज मीनाक्षी आंचलिया व सुषमा छल्लानी थी। माँ-बेटी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कविता दृष्टि चोपड़ा, द्वितीय सरिता रुबी लुणिया व तृतीय स्थान पर विनीता रुही बांठिया रही। मिलेट्स मैजिक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कविता चोपड़ा, द्वितीय प्रेम बोथरा व तृतीय स्थान पिंकी चोपड़ा व सोनाली भूरा ने प्राप्त किया।अध्यक्ष संजू लालानी ने बताया कि सभी प्रतियोगियों को मंडल की तरफ से पुरस्कृत किया गया। मंत्री मीनाक्षी आंचलिया ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।