माँ का दिशाबोध, बेटी की उड़ान कार्यशाला का आयोजन

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माँ का दिशाबोध, बेटी की उड़ान कार्यशाला का आयोजन

ग्रीन पार्क, दिल्ली।
डॉ0 साध्वी कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशन में एवं तेममं, साउथ दिल्ली के तत्त्वावधान में ‘माँ-बेटी का रिश्ता’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन ग्रीन पार्क में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ0 कुंदनरेखा जी ने नवकार मंत्र से किया। तत्पश्चात सभी ने प्रेरणा गीत का संगान किया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि माँ बेटी का रिश्ता ममता के आँचल में छिपा एक रिश्ता है। हालाँकि आज भी इस रिश्ते में ममत्व झलकता है, वर्तमान युग जिस नाजुक दौर से गुजर रहा है, वहाँ अक्सर रिश्ते दरकते नजर आते हैं। ऐसे माहौल में आवश्यकता है सहजता की। माँ का दायित्व है अपनी बेटी को सद्संस्कारों से सर्जित कर सहनशील रहने का प्रतिबोध दें। बेटियों का कर्तव्य है कि विनयभाव के साथ परिवार में सौहार्दमय वातावरण बनाए रखें।
साध्वीश्री जी ने सभी कन्याओं को व्यसनमुक्त जीवन शैली जीने की प्रेरणा दी एवं शुद्ध शाकाहारी भोजन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं त्याग भी करवाए। साध्वी सौभाग्ययशा जी ने व साध्वी कल्याणयशा जी ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त की। मुख्य वक्ता संस्कृति भंडारी ने कहा कि माँ बेटी का रिश्ता एक प्यारा सा है। इस रिश्ते की सुदृढ़ता का आधार है माँ की ममता और बेटी की माँ के प्रति अनुरक्ति। एक मात्र, बचपन की जरूरत है और यौवन में माँ अपनी बच्ची की दोस्त बन जाए तो इस रिश्ते की सुदृढ़ता को कोई नहीं रोक सकता।
महिला मंडल, साउथ दिल्ली की अध्यक्ष शिल्पा बैद ने कहा कि आज का कार्यक्रम सबमें नव उत्साह का संचार कर रहा है। आज माँ बेटी की यह उपस्थिति इस कार्यक्रम को शक्ति से भरपूर बना रहा है। इस अवसर पर शिल्पा बैद ने सभी जोड़ियों का सम्मान किया। मंत्री वर्षा बैंगानी ने अपनी पसंदीदा और विषय से संबंधित एक कविता साझा की एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन रचना मालू ने किया।
इस अवसर पर शिल्पा बैद एवं उनकी पुत्रियाँ सृष्टि व यूशिका की उपस्थिति रही। इसके अतिरिक्त रचना मालू-प्रणति, ममता बैद-तृप्ति, मोना गेलड़ा, श्रेयिका, श्वेता सेठिया, वंशिका, माधुरी बैंगानी-अमाया, संगीता दुगड़-भव्या, इंद्रा नाहटा-भाविका, नेहा सेठिया-विधि, संगीता-मेघना व अलका-श्रेया ने भाग लिया। इस शिविर में 11 माँ-बेटी के जोड़ों ने भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मंडल की लगभग 15 बहनों की उपस्थिति रही।