प्रेक्षाध्यान शिविरार्थियों का अभिनंदन
लाडनूं
अणुव्रत समिति के तत्त्वावधान में मुनि अमृत कुमार जी के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान शिविरार्थियों का अभिनंदन किया गया। मुनिश्री ने कहा कि प्रेक्षाध्यान जीवन जीने का एक विशिष्ट माध्यम है। प्रेक्षाध्यान के अभ्यास से व्यक्ति अपने जीवन को सुरक्षित कर सकता है। मुनिश्री ने प्रेक्षाध्यान को जीवन की संजीवनी बताया। इससे पूर्व स्वागत वक्तव्य देते हुए समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद ने योग को जीवन शैली का अंग बनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में देशभर से आए लगभग 14 शिविरार्थियों का दुपट्टा व साहित्य भेंट कर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुंबई से विशेष रूप से समागत योगाचार्य डॉ0 प्रकाश सोनी रत्न का अभिनंदन भी किया गया। कार्यक्रम में अणुव्रत समिति, सूरत के परामर्शक गौतम गादिया, हनुमानमल शर्मा, अब्दुल हमीद मोयल, शांतिलाल फुलवारिया, कंचन चोरड़िया, अंजना शर्मा, रेनू कोचर, अनीता चोरड़िया सहित अनेक लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन करते हुए मंत्री डॉ0 वीरेंद्र भाटी मंगल ने समिति की गतिविधियों को रेखांकित किया। आभार ज्ञापन शिवशंकर बोहरा ने किया।