अभिनव सामायिक फेस्टिवल के विविध आयोजन
कोलकाता
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में अभातेयुप द्वारा प्रस्तुत अभिनव सामायिक फेस्टिवल का आयोजन राजरहाट स्थित महाश्रमण विहार में तेयुप पूर्वांचल-कोलकाता, साउथ कोलकाता, साउथ हावड़ा, उत्तर हावड़ा, हिंदमोटर, बेहाला, उत्तर कोलकाता मेन, मध्य उत्तर कोलकाता, टॉलीगंज द्वारा किया गया। अभिनव सामायिक कार्यक्रम में अच्छी संख्या में युवकों व श्रावक-श्राविकाओं ने सामायिक की।
इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जैन साधना पद्धति में सामायिक का बहुत बड़ा महत्त्व है। सामायिक विभाव से स्वभाव, अहं से अर्हम पतित से पावन, कंकर से शंकर, जीव से शिव की यात्रा है। सामायिक एक अनमोल रत्न है, जो अपने आपमें अलौकिक व विशिष्ट है। सामायिक से साधक के चित्त की निर्मलता बढ़ती है। श्रावक के बारह व्रतों में एक व्रत है-सामायिक।
मुनिश्री ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सफलता चाहता है, सफलता का महामंत्र है वर्तमान में जीना, राग-द्वेष से मुक्त जीना व समता से जीना। समता की साधना का एक आयाम है-सामायिक। सामायिक में साधुता का भाव प्रकट होता है। सामायिक से सकारात्मक सोच का विकास होता है, आनंद की अनुभूति होती है। प्रत्येक श्रावक-श्राविकाओं को अभिनव सामायिक की साधना करनी चाहिए।
मुनि परमानंद जी ने कहा कि सामायिक से जीवन में संतुलन व धैर्य का विकास होता है। बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। इस अवसर पर अभिनव सामायिक फेस्टिवल के पश्चिम बंगाल प्रभारी राजीव बोथरा ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वांचल स्वर लहरी के विजय गीत संगान से हुआ। आभार ज्ञापन पूर्वांचल तेयुप के मंत्री सिद्धार्थ दुधेड़िया ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बृहतर कोलकाता की सभी परिषदों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।