सास-बहू कार्यशाला का आयोजन

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सास-बहू कार्यशाला का आयोजन

बीदासर।
समाधि केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं के तत्त्वावधान में सास-बहू कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि व्यक्ति को अपने गुणों का विकास करना चाहिए। अच्छे गुणों को अपनाने से ही परिवार में खुशहाली आ सकती है। रिश्तों को मधुर बनाने के लिए तीन शब्दों को अपनाना होगा। पहला शब्द है-उम्मीद। सास और बहू दोनों में उम्मीद होती है। दूसरा शब्द है-प्रशंसा। सास-बहू अवगुण न खोजें, एक-दूसरे के गुणों को देखकर प्रशंसा करें। तीसरा शब्द है-तालमेल। एक-दूसरे में तालमेल बना रहे। इन तीन शब्द से रिश्तों को मजबूत बनाएँ और भविष्य को सुनहरा बनाएँ।
साध्वी गीतार्थप्रभा जी ने सास-बहू से कुछ रोचक प्रश्नोत्तर किए, जिसमें परिवार के विघटन का कारण बन रहे सास-बहू की टकराहट, असम्मान का भाव, जनरेशन गेप से बढ़ रही दूरी आदि पर सास, बहू दोनों ने अपने विचार रखे। भावना दुगड़ और अलका बांठिया ने साध्वी रचनाश्री जी द्वारा निर्मित लघु नाटिका की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल ने शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी द्वारा रचित प्रेरणा गीत के द्वारा किया।