बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला

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बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला

विशाखापट्टनम
अभातेयुप के निर्देशानुसार तेयुप ने साध्वी त्रिशला कुमारी जी के सान्‍निध्य में बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी कल्पयशा जी ने मंगलाचरण से किया। साध्वी कल्पयशा जी ने कहा कि देव, गुरु, धर्म के प्रति आस्था रखने वाले सच्चे श्रावक कहलाते हैं। सच्चे श्रावक को बारह व्रत स्वीकार करने चाहिए। साध्वीश्री जी ने कहानी के माध्यम से साधु पद-श्रावक पद के बारे में भी बताया। तेयुप अध्यक्ष ॠषभ सुराणा ने संक्षेप में साधु व्रत व श्रावक व्रत के बारे में बताया।
साध्वी त्रिशला कुमारी जी ने कहा कि व्रत मनुष्य के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करता है, साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी ने हम श्रावकों का ध्यान रखते हुए बहुत ही सरल तरीके से बारह व्रत का सीमाकरण किया है, जिसका आप पालन करते हुए अपने सभी दैनिक कार्य कर सकते हैं, साध्वीश्री जी ने एक-एक करके सभी व्रतों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला के अंत में सदस्यों ने सभी को व्रत दीक्षा संकल्प स्वीकृति पत्र दिया।