अहिंसा सत्य मर्यादा व भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा का स्वरूप है राम का जीवन

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अहिंसा सत्य मर्यादा व भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा का स्वरूप है राम का जीवन

छोटी खाटू।
साध्वी संघप्रभा जी के सान्निध्य में ‘भारतीय संस्कृति के उच्चतम आदर्श श्रीराम’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण मुन्नी देवी सेठिया ने सुमधुर गीतिका से किया। साध्वी संघप्रभा जी ने
कहा कि श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा किसी व्यक्ति की नहीं उस विराट चैतन्य की जीवन प्रतिमा की प्रतिष्ठा है, जिसने अहिंसा, सत्य, मर्यादा आदि जीवन मूल्यों को जीकर भारतीय संस्कृति को एक प्रवणता प्रदान की है।
इसी शंृखला में साध्वी प्रांशुप्रभा जी ने राम शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम एवं कर्तव्य परायण महापुरुष थे। विकास सेठिया, किरण देवी भंडारी ने सुमधुर गीतिका से वातावरण को राममय बना दिया। ताराचंद धारीवाल ने विचार व्यक्त किए। राजेंद्र फूलफगर, मंजू देवी एवं सवाई चंद भंडारी ने मुक्तक, कविता एवं अग्नि परीक्षा के पद्य द्वारा अपने भाव व्यक्त किए। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही।