तेरापंथ धर्मसंघ का प्राण है सेवा और मर्यादा

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तेरापंथ धर्मसंघ का प्राण है सेवा और मर्यादा

नोखा।
तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 160वाँ मर्यादा महोत्सव आचार्यश्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में नवी मुंबई में आयोजित है। संपूर्ण देश में भी बसंत पंचमी से त्रिदिवसीय आयोजन हो रहा है। तेरापंथ का प्राण तत्त्व है सेवा और मर्यादा। यह उद्गार शासन गौरव साध्वी राजीमती जी ने तेरापंथ भवन, नोखा में व्यक्त किए। डॉ0 साध्वी चरितार्थप्रभा जी ने कहा कि जिसके भीतर सेवा करने की लगन हो, अहोभाव हो वह कर्मों को काट देता है। तेरापंथ की आधारशिला ही सेवा है। रोगी, ग्लान, वृद्ध व असहाय की सेवा पहला कार्य है। तेरापंथ युवक परिषद द्वारा मर्यादा व सेवा भावना से ओत-प्रोत गीत का संगान किया गया। उपासक अनुराग बैद, सभाध्यक्ष इंदरचंद बैद ‘कवि’, साध्वी कृतार्थप्रभा जी, साध्वी आगमप्रभा जी ने विचार व्यक्त किए।