नशामुक्त जीवन है सफलता का राज मार्ग
आडसर।
आडसर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए साध्वी प्रांजलप्रभा जी की प्रेरणा से साध्वी मध्यस्थ प्रभा जी ने जीवन विकास व आत्मोत्थान के सूत्र बताए। साध्वीश्री जी ने जीवन में नैतिकता और प्रामाणिकता को अंगीकार कर अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा दी। साध्वीश्री ने कहा कि विद्यार्थी को इस विद्या रूपी मंदिर में निरंतर ज्ञान के विकास का लक्ष्य रखना चाहिए। विद्यालय शैक्षिक ज्ञान के साथ-साथ सद्गुण अर्जन का सुंदर उपक्रम है। इस वय में विद्यार्थी जो ज्ञान का अर्जन करता है, जो सीखता है, जो व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करता है उसी से उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है। विद्यार्थी को संकल्प बल मजबूत रखना चाहिए। बचपन से ही यह संकल्प बना लें कि जीवन में नशा और अभक्ष्य पदार्थ से दूर रहना चाहिए। जीवन में ईमानदारी और प्रामाणिकता व्यक्ति को सम्मान दिलाती है, तो सदैव इन आभूषणों को धारण करें, जो बाहरी सौंदर्य से ज्यादा निखार देते हैं।
संस्कार निर्माण के लिए महान जैन आचार्य, आचार्यश्री तुलसी व आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी और वर्तमान में आचार्यश्री महाश्रमण जी लाखों किलोमीटर पैदल चले और हजारों विद्यालयों में जाकर नशामुक्ति और ईमानदारी की शिक्षा दी। आचार्य तुलसी ने विद्यार्थियों के लिए अणुव्रत के नियम प्रस्तुत किए। छोटे-छोटे संकल्पों को ग्रहण कर विद्यार्थी नशा/झूठ आदि से जीवन भर दूर रह सकते हैं। कैलाश गेलड़ा ने साध्वीश्रीजी के बारे में जानकारी दी। शाला परिवार से प्रधानाचार्य पूनम चौधरी ने स्वागत वक्तव्य दिया। और शाला स्टाफ ने साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। कार्यक्रम में 700 विद्यार्थियों सहित शिक्षकों के साथ श्रावक-श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति रही।