तेरापंथ का महाकुंभ है मर्यादा महोत्सव
नोखा
विश्व का अनोखा महोत्सव, मर्यादा महोत्सव तेरापंथ की रीढ़ है। एक आचार, एक आचार्य, एक विचार, एकरूपता की मिसाल है तेरापंथ। मर्यादा सबको पालना आवश्यक है। सुरक्षा के लिए मर्यादा लक्ष्मण रेखा है। विकास के लिए मर्यादा आवश्यक है। इसमें चलने वाला निहाल हो जाता है। यह उद्गार डॉ0 साध्वी चरितार्थप्रभा जी ने 160वें मर्यादा महोत्सव पर व्यक्त किए। तेममं द्वारा सुमधुर गीत का संगान किया गया। साध्वी वैभवप्रभा जी, साध्वी कृतार्थप्रभा जी ने मर्यादा, अनुशासनमय भावों के साथ गीतिका की प्रस्तुति दी। श्रावक निष्ठा पत्र का सामूहिक वाचन सभाध्यक्ष इंदरचंद बैद ‘कवि’ ने करवाया। कार्यक्रम का संचालन उपासक अनुराग बैद ने किया।