१६०वें मर्यादा महोत्सव के विविध कार्यक्रम
सिटीलाइट, सूरत
१६०वें मर्यादा महोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए मुनि उदितकुमार जी ने कहा- ‘तेरापंथ धर्मसंघ एक प्राणवान, अनुशासित एवं सुसंगठित धर्मसंघ है। यह स्वस्थ भी इसलिए है कि यहां साधु-साध्वी मर्यादा पालन में पूर्ण रूप से सजग हैं। एक आचार, एक विचार, एक प्ररूपणा। एक आचार्य के निर्देशन में चलने वाला यह हमारा धर्मसंघ सबके लिए प्रेरणा स्रोत इसीलिए बना हुआ है कि इसके माध्यम से सबको आचारनिष्ठा, श्रद्धा एवं समर्पण की शिक्षा मिल रही है। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के नेतृत्व में तेरापंथ धर्मसंघ कितनी अच्छी प्रगति कर रहा है। सन् २०२४ में आचार्य प्रवर का चातुर्मास सूरत में हो रहा है। इस संदर्भ में मुनिश्री ने श्रावक समाज को विशेष बलवती प्रेरणा प्रदान की। कार्यक्रम में शासनश्री साध्वी चंदनबाला जी की ओर से साध्वी राजश्री जी, शासनश्री साध्वी मधुबाला जी की ओर से साध्वी मंजुलयशा जी, साध्वी त्रिशला कुमारी जी की ओर से साध्वी कल्पयशा जी तथा साध्वी हिमश्री जी और साध्वी सम्यकप्रभा जी ने तेरापंथ की मर्यादा व्यवस्था आदि के संदर्भ में प्रेरक विचार प्रस्तुत किए। मुनि ज्योतिर्मय जी ने कविता प्रस्तुत की। मुनि अनंत कुमार जी एवं मुनि पारस कुमार जी के प्रासंगिक वक्तव्य हुए।
कार्यक्रम का प्रारंभ मर्यादा गीत से हुआ। तेरापंथ कन्या मंडल ने महाश्रमण अष्टकम् प्रस्तुत किया। आचार्यश्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति, सूरत के अध्यक्ष संजय सुराणा, तेरापंथी सभा सूरत, उधना के पदाधिकारीगण ने अपने भाव व्यक्त किए। सूरत श्रावक समाज ने सुंदर समूह गीत प्रस्तुत किया। चीफ ट्रस्टी बाबूलाल भोगर ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। संघगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन मुनि रम्यकुमार जी ने किया।