१६०वें मर्यादा महोत्सव के विविध कार्यक्रम
नाभा
साध्वी कनकरेखा जी के सान्निध्य में १६०वाँ मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी के मर्यादा संगान की सरगम स्वरलहरी के साथ हुआ। साध्वी कनकरेखा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने आचार शिथिलता के विरुद्ध जो धर्मक्रांति की, उसका आधार है-मर्यादा। यह संगठन और अनुशासन का एक दस्तावेज है। तेरापंथ धर्मसंघ एक आचार, एक विचार एवं एक आचार्य की कुशल अनुशासना का खिला हुआ चमन है, जिसकी सौरभ से देश-विदेश की धरती भी सुरभित हो रही है। लोकतंत्र में एकतंत्र की मर्यादा का रक्षा कवच कहीं हम देख रहे हैं-वह है तेरापंथ धर्मसंघ।
महिला मंडल, कन्या मंडल, ज्ञानशाला, सभा, परिषद ने रोचक प्रस्तुति दी। अतिथियों का स्वागत करते हुए सभा के प्रधान राजेश गुप्ता व महिला मंडल से अरुणा जैन ने अपने विचार रखे। पंजाब समिति सभाध्यक्ष केवल कृष्ण गोयल ने अपने विचार रखे। साध्वी गुणप्रेक्षाजी, साध्वी संवरविभा जी, साध्वी केवलप्रभा जी व साध्वी हेमंतप्रभा जी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया गया। सुनाम महिला मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गुरुदेव सिंह देवमान विधायक नाभा, विशिष्ट अतिथि नगर प्रधान कौसल सुजाता चावला नाभा, पार्षद रोजी नागपाल, पूर्व चेयरमैन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट डाॅ0 ओमप्रकाश डल्ला उपस्थित थे। संचालन विनोद फलेर ने किया।