१६०वें मर्यादा महोत्सव के विविध कार्यक्रम
चंगड़ाबांधा
साध्वी स्वर्णरेखा जी के सान्निध्य में मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ में जीने वाला जीवन को अनुशासित एवं मर्यादित बना सकता है, क्योंकि यहाँ मर्यादा-अनुशासन जन्मघुट्टी के रूप में मिली हुई है। तेरापंथ के प्रथम आचार्य, चतुर्थ आचार्य कोई साधारण आचार्य नहीं थे, भिन्न-भिन्न मति वालों को भिन्न-भिन्न गति वालों को मर्यादा के खूँटे से बाँध दिया। इस अवसर पर साध्वी सुधांशुप्रभा जी ने अपने विचार रखे। स्थानीय तेयुप, महिला मंडल ने अपनी भिन्न-भिन्न प्रस्तुतियाँ दी। सभाध्यक्ष अरुण आंचलिया, गुवाहाटी सभाध्यक्ष बजरंग कुमार सुराणा, सिलीगुड़ी सभाध्यक्ष रूपचंद कोठारी, बंगाल आंचलिक ज्ञानशाला प्रभारी लक्ष्मीपत गोलछा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। सिलीगुड़ी सभाध्यक्ष ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रियंका बुच्चा के मंगल संगान से हुआ। कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल अध्यक्ष वीणा सुराणा ने किया।