भाई बहन का आध्यात्मिक मिलन समारोह
दादर।
'उग्रविहारी तपोमूर्ति' मुनि कमलकुमार जी और 'शासनश्री' साध्वी सोमलताजी का लंबे समय के बाद आध्यात्मिक मिलन हुआ। साध्वी सोमलता जी लंबे समय से स्वास्थ्य लाभ हेतु मुंबई में विराजमान हैं। मुनि कमलकुमार जी दिल्ली से विहार कर मुंबई पधारे और पूज्य आचार्य प्रवर के दर्शन किये। उसी दिन पूज्य प्रवर ने स्वयमेव फरमाया कि हमसे तो मिलन हो गया है आप साध्वी सोमलता जी को एक बार जल्दी दर्शन देवें। मुनिश्री गुरु आज्ञा को शिरोधार्य कर उसी दिन लंबा विहार करके दादर पधारे। साध्वीश्री को जब संवाद मिला कि मुनिश्री आज ही आपको दर्शन देने के लिए गुरूवर व साध्वी प्रमुखाश्री का संदेश लेकर आ रहे हैं तो साध्वीश्री के रोम-रोम में हर्ष-उल्लास का ज्वार उमड़ने लगा और साध्वीश्री ने अस्वस्थता काल में भी एक मधुर गीत बना दिया। दादर के लोगों को पता लगते ही भवन में श्रावक-श्राविकाओं का तांता लग गया। मुनिश्री ने पूज्यप्रवर से मंगल पाठ श्रवण कर दोपहर की धूप में २३ कि.मी. पधार कर ही विश्राम लिया। साध्वीश्री ने अपनी सहयोगी साध्वियों के साथ सामूहिक गीत का संगान कर परिषद् को गदगद कर दिया। मुनिश्री ने गीत का संगान कर पूज्यप्रवर का संदेश साध्वीश्री को भेंट किया। साध्वीश्री ने उन संदेशों को पढ़कर अपने भाग्य की सराहना की।