सेवा के माध्यम से िनर्जरा करने पहुॅँची साध्वियां

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सेवा के माध्यम से िनर्जरा करने पहुॅँची साध्वियां

गंगाशहर।

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा शांति निकेतन प्रांगण में साध्वी चरितार्थप्रभा जी व साध्वी प्रांजलप्रभा जी का स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस पावन अवसर पर शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी ने नव आंगुतक साध्वियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा धर्म संघ सुसंगठित है। धर्म संघ में सेवा को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। सेवा के ध्येय को लेकर आने वाली सभी 9 साध्वियों का स्वागत करते हैं। साध्वी ललितकला जी ने अपने उद्बोधन में सेवा के महत्त्व को उद्घाटित करते हुए कहा कि सेवा को सीप की उपमा दी गई है। जिस प्रकार सीप मोती बन जाता है, आप भी उसी प्रकार मोती की तरह उजले बनें।
साध्वी प्रांजलप्रभा जी ने कहा कि हम यहां पुण्यानुबंधी व कल्याणानुबंधी निर्जरा के लिए आए हैं। सेवा के माध्यम से महानिर्जरा करना हमारा उद्देश्य है। साध्वी आर्यप्रभा जी ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल द्वारा मंगलाचरण से किया गया। सेवाग्रही रत्नाधिक साध्वियों तथा महिला मंडल द्वारा सामूहिक स्वागत गीतिका का संगान किया गया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, तेरापंथ न्यास के ट्रस्टी जैन लूणकरण छाजेड़, शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष हंसराज डागा, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष अरुण नाहटा, तेरापंथी सभा बोरावड के मंत्री रायचंद बोथरा, अणुव्रत समिति के मंत्री मनीष बाफना, किशोर मंडल के सहसंयोजक विशाल सेठिया, ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी जयेश छाजेड़ ने स्वागत में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में साध्वी शशिरेखा जी व साध्वी ललितकला जी ने सेवा केंद्र व्यवस्थापिका का दायित्व एक सुमधुर गीतिका के संगान के साथ साध्वी चरितार्थ प्रभा जी व साध्वी प्रांजलप्रभा जी को सौंपा। कार्यक्रम का सफल संचालन देवेंद्र डागा ने किया।