१६0वॉँ मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम

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१६0वॉँ मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम

विलुपुरम।

साध्वी गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में तमिलनाडु के विलुपुरम में मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया। डाॅ0 साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि मर्यादा व्यवस्था है, बंधन नहीं। यह बंधन मुक्ति का साधन है। मर्यादा, अनुशासन, समर्पण, सेवा, सहयोग, संगठन का दूसरा रूप है- तेरापंथ। तेरापंथ धर्मसंघ आज तक एक आचार्य, एक आचार, एक विचार के मार्ग पर चल रहा है, इसका मुख्य कारण है- तेरापंथ की मर्यादा का स्वीकरण। साध्वी मेरूप्रभा जी ने गीतिका की सुमधुर प्रस्तुति दी। साध्वी दक्षप्रभा जी ने गीतिका के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। साध्वी मेरूप्रभा जी
व साध्वी दक्षप्रभा जी के िनर्देशन में संविधान नाटक का संचालन किया। ज्ञानशाला, किशोर मंडल और महिला मंडल संघ का संविधान िवषय पर नाट‍्य प्रस्तुित दी।
कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुई। मंगलाचरण की प्रस्तुति कन्या मंडल के द्वारा दी गई। सभी का स्वागत सभा अध्यक्ष महेंद्र धोका ने किया। महिला मंडल के द्वारा गीतिका की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मयंकप्रभा जी ने किया। आभार ज्ञापन राजेश सुराणा ने किया।