तेरापंथ महिला मंडल के विविध आयोजन
राजलदेसर
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल द्वारा “नाज़ुक सा रिश्ता ननद-भाभी का” कार्यशाला शासनश्री साध्वी मानकुमारी जी एवं साध्वी समन्वयप्रभा जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। तत्पश्चात ज्ञानशाला की ज्ञानार्थी दिव्या बैद ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। महिला मंडल की अध्यक्षा सविता बच्छावत ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया। “नाजुक सा रिश्ता ननद-भाभी का” विषय पर साध्वीश्री जी ने प्ररेणादायी उद्बोधन देते हुए कहा कि यह संसार संबंधों की दुनिया है जिसमें ननद-भाभी का भी एक संबंध समाहित है। जहां भी संबंध हैं वहां मिठास रहे इसके लिए हमारे अंदर समता, सहिष्णुता होनी चाहिए, एक दूजे के प्रति प्रेम प्यार होना चाहिए, गुणानुवाद की भावना, प्रमोद भावना होनी चाहिए तभी घर स्वर्ग बन सकता है। प्रमोद भावना, मैत्री भाव व करूणा भावना से रिश्तों को मजबूत बनाया जा सकता है।
दोषारोपण, दलबंदी व आग्रह के स्थान पर धन्यवाद, कृतज्ञता के भाव से एक दूसरे के साथ रिश्ते में सरसता लाने का प्रयास करें। इस अवसर पर साध्वी समन्वय प्रभा जी ने कहा परिवार एक बगीचा है और रिश्ते इसके रंग बिरंगे फूल हैं। ननद भाभी के रिश्ते में लर्निंग, लिविंग, लाफिंग और लविंग का समावेश होना चाहिए तभी ननद-भाभी का रिश्ता मजबूत बन सकता है। साध्वी कमलयशाजी एवं साध्वी चैत्यप्रभाजी ने गीत का सुमधुर संगान किया। महिला मंडल ने प्रेरणा गीत की प्रस्तुति दी। हेमलता घोषल ने अपने विचार व्यक्त किए। ननद-भाभी के नाज़ुक रिश्तों पर महिला मंडल की सदस्याओं ममता कुंडलिया, मोनिका बैद, रीना बैद एवं ज्योति बरड़िया ने लघु नाटिकाओं की बहुत ही रोचकता से प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष मुकेश श्रीमाल एवं मंत्री रजत बैद ने अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् और समण संस्कृति संकाय के संयुक्त तत्त्वावधान में सम्यक् दर्शन कार्यशाला की परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए तथा महिला मंडल ने ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं, तत्वज्ञान परीक्षा एवं जैन विद्या की परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतियोगियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का कुशल संचालन सविता बच्छावत ने किया।