मंगल मिलन समारोह
चंडीगढ़
संतों का आगमन अपने आपमें मन में प्रसन्नता प्रदान करने वाला होता है। चंडीगढ़ में मुझे अनेकों वर्षों तक प्रवास करने का अवसर प्राप्त हुआ, पर यह प्रथम अवसर है जब मेरा संतों से चंडीगढ़ दिगंबर जैन मंदिर में प्रथम बार मिलन हो रहा है। मेरे मन में बहुत ज्यादा प्रसन्नता है। संतों के साथ मिलकर अपनी भावनाओं को भी अभिव्यक्त करने का प्रयास करूँगा। यह विचार मनीषी संत मुनि विनय कुमार जी ‘आलोक’ ने दिगंबर जैन मंदिर के प्रांगण में मुनि भूपेंद्र कुमार जी, पदम कुमारजी के राजस्थान के पदयात्रा करते हुए आगमन पर मिलन समारोह पर व्यक्त की।
मुनि भूपेंद्र कुमार जी ने कहा कि यदि मैं चंडीगढ़ नहीं आता तो यह मेरी पूरी यात्रा अधूरी रह जाती। मैंने अपने मन में संकल्प किया था पंजाब में चंडीगढ़ में जहाँ कहीं भी मुनिप्रवर विराजमान होंगे मैं अवश्य ही दर्शन करूँगा। मेरी भावना साकार रूप ग्रहण कर रही है। यह मेरे मन में बहुत प्रसन्नता की अनुभूति प्रदान करने वाली बनती जा रही है।
इस अवसर पर मुनि पदम कुमार जी पंचकुला तेरापंथ सभा से डॉक्टर देवेंद्र जैन, अणुव्रत समिति तेरापंथ सभा के अध्यक्ष, चंडीगढ़ के वेद प्रकाश जैन, मंत्री सुधीर जैन, विजय शर्मा, रवि चोपड़ा, शांता चोपड़ा के साथ अनेकों व्यक्तियों ने अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप जैन ने किया।