भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान
राउरकेला। स्थानीय तेरापंथ भवन में समणी निर्देशिका कमलप्रज्ञा जी, समणी करुणाप्रज्ञा जी, समणी सुमनप्रज्ञा जी के सान्निध्य में भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान रिद्धि - सिद्धि मंत्रों सहित करवाया गया। समणीजी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। सभी ने भक्तामर के श्लोकों का उच्चारण किया। समणी निर्देशिका कमलप्रज्ञा जी ने भक्तामर स्तोत्र की विशेषताओं का उल्लेख किया। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही।