उनका मनोबल और समत्व विशेष था

उनका मनोबल और समत्व विशेष था

तेरापंथ धर्मसंघ के साध्वी समाज का एक जाना पहचाना नाम है- साध्वी सोमलताजी। उनका व्यक्तित्व गुणों का समवाय था। वे एक मधुर गायिका एवं सुन्दर गीत निर्मात्री के रूप में प्रसिद्ध रही हैं। उनकी गण-गणपति के प्रति भक्ति विशेष थी। उनका विनोदी स्वभाव पास आने वाले को आकर्षित किए बिना नहीं रहता। उनका बोलने का लहजा अपने ढंग का था। श्रावक समाज भी उनकी सार-संभाल से प्रभावित था। गुरुकुलवास में हमने अनेक बार देखा गुरुदेव तुलसी जब कभी प्रवचन में पधारने से पूर्व प्रवचन प्रारम्भ करने का निर्देशन दिलवाते तो वे उत्साह के साथ तैयार रहती थी। कई वर्षों से उनके साथ असाता वेदनीय का योग बना हुआ था। शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद उनका मनोबल और समत्व विशेष था। गुणी व्यक्तियों के गुणगान करने में उनकी जिह्वा मुखर रहती थी, जो प्रमोदभाव का फलित है। वे सौभाग्यशालिनी थी कि उन्हें संयम जीवन का अंतिम चातुर्मास गुरुचरणों में करने का अवसर मिला। उन्हें गुरुदेव की विशेष कृपा और ऊर्जा प्राप्त हुई। उन्होंने धर्मसंघ अैर संघपति की सेवा की। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। मैं मंगलकामना करती हूं कि उनकी आत्म जहां भी है अपना आध्यात्मिक उत्थान करती हुई मंजिल को प्राप्त करें।