धर्मसंघ की प्रभावक साध्वी थीं साध्वी सोमलताजी
सहज-सरल, विदुषी साध्वीश्री सोमलताजी हमारे धर्मसंघ की प्रभावक साध्वी थी। गुरु दृष्टि और इंगित आकार के अनुरूप धर्म संघ को सेवा दी। आचार्यों के हृदय में विशेष स्थान बनाया। आपके जीवन में विनम्रता, सेवाभावना, संघ निष्ठा परिलक्षित होती। स्वाध्याय, ध्यान आपकी दिनचर्या के अभिन्न अंग रहे। आप उग्रविहारी, तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमारजी स्वामी की सहोदरी थी। आप दोनों भाई बहन ने दीक्षित होकर संघ सेवा और धर्म प्रभावना में अपनी शक्ति का नियोजन किया। मुनिश्री कमल कुमारजी स्वामी भी आपको दर्शन देने के लिए दिल्ली से मुम्बई पधारे। मुनिश्री वैसे भी लम्बे-लम्बे विहार करते हैं परंतु इस बार गुरु दर्शन और भगिनी से मिलन अपने आप में ऐतिहासिक रहा। आप ने मनोबल से असाध्य तीव्र वेदना को सहज समता से सहन करके कर्म निर्जरा की। संलेखना संथारा करके देह से विदेह यात्रा की प्रस्थान किया। आप की आत्मा परम पद की और सदैव गतिमान रहे। इसी आशा विश्वास के साथ।