'शासनश्री' साध्वीश्री सोमलता जी के प्रति चारित्रात्माओं के उद्गार

'शासनश्री' साध्वीश्री सोमलता जी के प्रति चारित्रात्माओं के उद्गार

तेरापंथ धर्म संघ एक प्राणवान धर्म संघ है। वह व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है जिसे भिक्षु शासन में साधना करने का शुभ अवसर उपलब्ध होता है। ऐसा ही दुर्लभ अवसर साध्वी सोमलता जी को प्राप्त हुआ। साध्वी प्रमुख लाडांजी के हाथों दीक्षित होकर अपनी अध्यात्म यात्रा को आगे बढ़ाते हुए आपने अनेक क्षेत्रों में विकास किया। आपकी गायन कला और गीत निर्माण की कला में आपकी साहित्यिक प्रतिभा के दर्शन होते हैं। आपकी मिलनसारिता, सरलता, व्याख्यान शैली सबको आकृष्ट करने वाली थी। इस वर्ष नंदनवन में आपको गुरुदेव की उपासना का दुर्लभ संयोग प्राप्त हुआ। आपके भ्राता मुनि कमल कुमार जी ने प्रलंब विहार कर आपको दर्शन दिया वह इतिहास का दस्तावेज बन गया। समाधिस्थ रहते हुए आपने अपनी संयम यात्रा सानंद संपन्न की। आपकी आत्मा शीघ्र मोक्ष वरण करे, यही मंगल कामना। साध्वी शकुंतला जी, साध्वी संचितयशा जी, साध्वी जागृत प्रभा जी, साध्वी रक्षितयशा जी ने जिस अहोभाव के साथ साध्वीश्री की सेवा की वह अनुमोदना योग्य है।